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चर्च ने केरल में 'लव जिहाद' को बताया हकीकत, इस्लामी संगठन ने बयान वापस लेने को कहा

केरल में “लव जिहाद” पर बहस को आगे बढ़ाते हुए कैथोलिक गिरजाघर के एक वरिष्ठ पादरी ने कहा कि युद्ध ग्रस्त देशों में दक्षिणी राज्य की महिलाओं का “यौन दासी” के तौर पर इस्तेमाल एक...

चर्च ने केरल में 'लव जिहाद' को बताया हकीकत, इस्लामी संगठन ने बयान वापस लेने को कहा
भाषा,कोच्चिMon, 27 Jan 2020 01:59 AM
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केरल में “लव जिहाद” पर बहस को आगे बढ़ाते हुए कैथोलिक गिरजाघर के एक वरिष्ठ पादरी ने कहा कि युद्ध ग्रस्त देशों में दक्षिणी राज्य की महिलाओं का “यौन दासी” के तौर पर इस्तेमाल एक सच्चाई है और इससे आंखे मूंदना इसे “मूक मंज़ूरी देने के समान” है। कुछ दिन पहले राज्य सरकार ने “लव जिहाद” पर सीरो मालाबार गिरजाघर के बिशप के नज़रिए को खारिज कर दिया था। अब केरल कैथोलिक बिशप कांउसिल (केसीबीसी) के प्रवक्ता फादर वर्गीज वल्लिकट्ट ने राज्य से “लापता महिलाओं और बच्चों” के मामले में सही से जांच नहीं करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना की।

''लव जिहाद” को सच्चाई बताते हुए वल्लिकट्ट ने रविवार (26 जनवरी) को जारी एक वीडियो में कहा कि ऐसी घटनाओं को नज़रअंदाज़ करना इन्हें “ मूक मंज़ूरी देने के समान है।” मीडिया द्वारा प्रसारित वीडियो में पादरी ने कहा कि “प्यार के जाल में फंसने के बाद” गुम हुए लोगों का पता लगाने के लिए केंद्र या राज्य सरकार ने प्रभावी जांच नहीं की।

मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए वल्लिकट्ट ने कहा कि बाद में लापता हुए लोगों के बारे में जानकारी मिली कि वे अन्य देशों में हैं जहां उनका इस्तेमाल “यौन दासियों” और आतंकवादी के तौर पर किया जा रहा था। कथित रूप से 'लव जिहाद' में फंसाने के बाद ईसाई महिलाओं को सीरिया और अफगानिस्तान ले जाने की घटनाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ का संघर्षरत देशों की जेलों में होने का पता चला है।

वल्लिकट्ट ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि वीडियो में वह लोगों के विचारों को व्यक्त कर रहे थे। उनका बयान सीरो-मालाबार चर्च के पादरियों के रुख के अनुरूप है, जिसने हाल ही में एक बहस छेड़ दी है, “लव जिहाद एक वास्तविकता है” और आरोप लगाया कि राज्य की ईसाई महिलाएं इस्लामिक स्टेट के जाल में फंस रही हैं और उनका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है। इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा था कि बिशपों के आरोपों में कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। 

इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने “लव जिहाद” पर सीरो-मालाबार गिरजाघर के बयान के समय पर सवाल करते हुए फौरन बयान वापस लेने का अनुरोध किया, क्योंकि “यह हिंदुत्व फासीवाद के खिलाफ समाज के विभिन्न तबकों के बीच बढ़ती एकता के खिलाफ विभाजनकारी ताकतों की मदद करेगा।” गिरजाघर के बयान का स्वागत करते हुए विश्व हिंदू परिषद ने केरल के समाज में 'लव जिहाद' के खिलाफ मिलकर लड़ने का आह्वान किया।

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