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LOKSABHA ELECTION 2019: अपने ही नेताओं के बागी तेवरों से परेशान ‘आप’

दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली ‘आप’ अपने ही नेताओं से परेशान है। पार्टी र्के ंसबल पर चुनाव जीतने वाले पार्टी को ही घेर रहे हैं। ऐसे विधायकों के खिलाफ पार्टी भी कोई...

LOKSABHA ELECTION 2019: अपने ही नेताओं के बागी तेवरों से परेशान ‘आप’
गौरव त्यागी ,नई दिल्लीFri, 05 Apr 2019 05:50 AM
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दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली ‘आप’ अपने ही नेताओं से परेशान है। पार्टी र्के ंसबल पर चुनाव जीतने वाले पार्टी को ही घेर रहे हैं। ऐसे विधायकों के खिलाफ पार्टी भी कोई कार्रवाई करने से बच रही है। हार्लांक, डैमेज कंट्रोल के तहत नाराज विधायकों को ‘आप’ नेताओं ने साधा भी है और वे लोकसभा चुनावों में पार्टी नेताओं के साथ प्रचार में जुटे हैं। 

दिल्ली में विपक्ष से ज्यादा ‘आप’ को अपने ही घेरने में जुटे हैं। विधानसभा चुनाव में ‘आप’ ने 67 सीटें जीती थी और मात्र तीन सीटों पर विपक्ष बचा था। अब ‘आप’को विपक्षियों के साथ-साथ बागियों से भी जूझना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने पहले ही ‘आप’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। कपिल लगातार आम आदमी  पार्टी को निशाने पर रखते हैं।

मंत्री पद से हटाने के बाद विधायक संदीप कुमार भी ‘आप’ के खिलाफ हो गए। उन्होंने सुल्तानपुरी से चुनाव जीता था। इस मामले में ताजा नाम चांदनी चौक से  विधायक अलका लांबा का जुड़ा है। अलका लांबा कई बार सोशल मीडिया पर पार्टी के शीर्ष नेताओं को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। अब ट्विटर पर अलका और पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज के बीच भी वार-पलटवार हुआ है। कई मुद्दे पर अलका पार्टी लाइन से अलग अपना पक्ष रख चुकी हैं। लोकसभा चुनावों के बीच अपनों के वार पार्टी को भारी पड़  सकता हैं। इसके साथ ही ‘आप’ के संस्थापक सदस्य रहे कुमार विश्वास भी सीधे पार्टी हाईकमान पर आरोप लगाते हैं।

विश्वास ट्विटर पर लगातार मुख्यमंत्री पर तंज  कस रहे हैं। अभी कुमार विश्वास ने पार्टी नहीं छोड़ी है और ‘आप’ ने उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की  है। इसी तरह बवाना से विधायक रहे वेदप्रकाश ने पार्टी के साथ विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया था। हालांकि, उपचुनाव में वे भाजपा के टिकट पर  चुनाव हार गए।

सूत्रों के मुताबिक पार्टी विधानसभा चुनावों तक बागियों के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में नहीं  है। डैमेज  कंट्रोल के लिए कई बार प्रयास किया गया। कई मुद्दों पर पार्टी से इतर राय रखने वाले विधायक पंकज पुष्कर को भी पार्टी ने दोबारा अपने पक्ष में सक्रिय कर लिया है। 

ये लोकसभा का चुनाव है। पार्टी के कुछ विधायक क्या बोल रहे हैं इससे फर्क नहीं पड़ता है। पार्टी इस तरह की बयानबाजी को गंभीरता से नहीं ले रही है। हम दिल्ली में पूर्ण राज्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। जनता इस मुद्दे पर हमारे साथ है। - गोपाल राय, प्रदेश संयोजक ‘आप’

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