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तीन तलाक बिल लोकसभा में हुआ पास, जानिए किसने क्या-क्‍या कहा

लोकसभा(Loksabha) में तीन तलाक बिल(Triple talaq bill) पारित हो गया। गुरुवार को सदन में बिल पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त घमासान हुआ और शाम को इससे जुड़े संशोधन प्रस्तावों पर...

तीन तलाक बिल लोकसभा में हुआ पास, जानिए किसने क्या-क्‍या कहा
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीThu, 27 Dec 2018 10:53 PM
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लोकसभा(Loksabha) में तीन तलाक बिल(Triple talaq bill) पारित हो गया। गुरुवार को सदन में बिल पर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच जबरदस्त घमासान हुआ और शाम को इससे जुड़े संशोधन प्रस्तावों पर वोटिंग हुई। वोटिंग में इसके पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सभी संशोधन प्रस्ताव खारिज हो गए। वोटिंग के समय हालांकि कांग्रेस और एआईएडीएम ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। चर्चा के दौरान कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी दल तीन तलाक बिल को ज्वॉइंट सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने की मांग पर अड़े रहे। आइए जानते हैं लोकसभा में इस बिल के पास हो जाने के बाद नेताओं ने क्या-क्या कहा है-

हमारी पार्टी विधेयक के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार के ‘मुंह में राम बगल में छूरी’ वाले रुख के विरोध में है क्योंकि सरकार की मंशा मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने एवं उनका सशक्तीकरण की नहीं, बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करने की है। कांग्रेस ने 2017 के विधेयक को लेकर जो चिंताएं जताई थी उसका ध्यान नहीं रखा गया। 1986 में राजीव गांधी के समय शाह बानो प्रकरण के बाद बनाया गया कानून मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कानून था जिसका उल्लेख सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बार-बार किया। 
-सुष्मिता देव, कांग्रेस नेता 

यह विधेयक नरेंद्र मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है। तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताया और इस प्रथा का कुरान में कहीं उल्लेख नहीं है। कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण यह प्रथा अब तक चलती आई है जिसका खामियाजा मुस्लिम महिलाओं को भुगतना पड़ा है। कई इस्लामी देशों में तीन तलाक खत्म किया जा चुका है, लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में चल रहा है। अगर कांग्रेस 30 साल पहले कदम उठाती तो उसी वक्त इतिहास बदल जाता। मोदी सरकार में महिलाओं के लिए कई कदम उठाए हैं और यह भी मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उठाया गया है। 
-मीनाक्षी लेखी, भाजपा सांसद  

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने पहले के विधेयक में बड़े संशोधन नहीं किए और संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ विधेयक लेकर आई है। यह विधेयक सांप्रदायिक सद्भाव और संविधान के खिलाफ है। 
-अनवर रजा, नेता अन्नाद्रमुक

लोकसभा में पास हुआ तीन तलाक विधेयक, मुस्लिम संगठन बंटे

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने के लिए लाया गया विधेयक स्वागत योग्य कदम है। लेकिन अपनी पत्नी को फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति के लिए जेल की सजा के प्रावधान का उनकी पार्टी विरोध करती है। हम मांग करते हैं कि इस विधेयक को विचार के लिए प्रवर समिति के पास भेजा जाए। फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति को जेल की सजा दिए जाने के प्रावधान को खत्म किया जाना चाहिए। 
-सुदीप बंदोपाध्याय, तृणमूल कांग्रेस

मोदी सरकार यह विधेयक किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए लेकर आई है। कई पार्टियों के नेता इस बात से चिंतित हैं कि फौरी तीन तलाक देने के दोषी पति को जेल भेज दिए जाने पर उसके परिवार का क्या होगा, उसकी पत्नी का गुजारा कैसे होगा। लेकिन सवाल यह है कि कोई ऐसा जुर्म करे ही क्यों कि उसे जेल जाने की नौबत आए। जब सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने के प्रयास किए जा रहे थे, तो उस वक्त भी कुछ लोगों ने विरोध किया था। लेकिन इस देश और इस समाज ने सती प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म किया। विपक्ष के नेताओं के रुख से ऐसा लग रहा है कि वे मजलूम के साथ नहीं, बल्कि मुजरिम के साथ हैं। 
-मुख्तार अब्बास नकवी, केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री  

यह विधेयक एक धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाने के लिए लाया गया है। यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। प्रस्तावित कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। 
-रवींद्र कुमार जेना, बीजू जनता दल

सरकार राजनीतिक लाभ की मंशा से तीन तलाक संबंधी अध्यादेश लाई थी, लेकिन पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में उसके कोई लाभ नहीं मिला। सरकार को तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की चिंता से पहले भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं से पीड़ित मुस्लिम पुरुषों एवं महिलाओं का ध्यान देना चाहिए। इस विधेयक को संसदीय समिति या प्रवर समिति के पास भेजा जाना चाहिए। 
-जयदेव गल्ला, तेलुगू देशम पार्टी  

यह कानून बनने से मुस्लिम महिलाएं सबसे ज्यादा खुश होंगी। सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, समान नागरिक संहिता लागू करने और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए भी पहल करनी चाहिए। 
-अरविंद सावंत, नेता शिवसेना

तीन तलाक बिल पर बोले ओवैसी-मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाएगा यह कानून

इस विधेयक को लाने की मंशा और समय को लेकर बड़ा सवाल है। अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण के लिए जरूरी है कि सरकार उनकी शिक्षा एवं रोजगार पर ध्यान दे। 
-जितेंद्र रेड्डी, तेलंगाना राष्ट्र समिति

कुछ लोगों को चिंता है कि सरकार अपने फायदे के लिए यह विधेयक लेकर आई है। अगर सरकार अच्छा काम कर रही है तो उसे फायदा होगा ही, होना ही चाहिए। तीन तलाक विधेयक का विरोध करने वालों से पूछना चाहता हूं कि वह शिकार के साथ हैं या शिकारी के साथ।
-प्रेम सिंह चंदूमाजरा, शिरोमणि अकाली दल 

मैं चाहता हूं कि तीन तलाक विधेयक संसद से पारित हो। लेकिन सरकार को इसे दंडनीय नहीं बनाने के विपक्ष के सुझावों को स्वीकार करना चाहिए। मेल-मिलाप के लिए पूरा समय दिया जाए और गुजारा भत्ता सम्माननीय हो। 
-धर्मवीर गांधी, आम आदमी पार्टी 

तीन तलाक उतना बड़ा मुद्दा नहीं जितना इसे बनाया जा रहा है। हमारी महिलाओं के हजारों मसले हैं। सरकार उन्हें भी सुलझाए। हम जेल की सजा का विरोध करते हैं।
-बदरुद्दीन अजमल, एआईडीयूएफ

यह विधेयक प्रवर समिति को भेजा जाए। दीवानी मामले को आपराधिक बनाया जाना गलत है। पति को जेल भेजने पर परिवार के गुजारे का खर्च कौन देगा? सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नहीं कहा था कि जेल भेज दिया जाए।
-जय प्रकाश नारायण यादव,  राजद

तीन तलाक पर आजम बोले- मुसलमान कुरान को मानेगा, कोई कानून मान्य नहीं

यह लैंगिक समानता का विषय है। हम समझते हैं कि आज सबसे बड़ी समस्या मुसलमानों के सुरक्षा का है। इसे आपराधिक मामला बनाया जाना ठीक नहीं है। 
-मोहम्मद सलीम, माकपा

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