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तय आमदनी का फॉर्मूला सर्वे के आधार पर बनेगा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि न्यूनतम आमदनी योजना का बजट से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद राज्यों से चर्चा कर जरूरतों...

तय आमदनी का फॉर्मूला सर्वे के आधार पर बनेगा
सुहेल हामिद,नई दिल्ली,Wed, 30 Jan 2019 08:31 AM
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि न्यूनतम आमदनी योजना का बजट से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के बाद राज्यों से चर्चा कर जरूरतों के हिसाब से न्यूनतम आमदनी का खाका तैयार करेगी। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा न्यूनतम आमदनी तय करने की घोषणा के बाद चर्चा यह है कि आसन्न बजट में सरकार इस योजना की घोषणा कर सकती है। इसी को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने यह ऐलान किया है। इस बात को बेबुनियाद बताते हुए चिदंबरम ने कहा कि परंपरा के मुताबिक सरकार पांच साल पूर्ण बजट पेश करती है। लेकिन अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में वह लेखानुदान मांगे पेश करती है। अममून इसमें नई योजनाओं का ऐलान नहीं किया जाता है। सरकार यदि इस बार ऐसा करती है, तो हम इसकी पुरजोर निंदा करेंगे।

राज्यों से करेंगे चर्चा
न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना के बारे में 'हिंदुस्तान' से बात करते हुए चिदंबरम ने कहा कि अभी यह कहना मुश्किल है कि कितने लोग इस योजना के दायरे में आएंगे। पर यह साफ है कि वक्त आ गया है कि गरीबी को पूरी तरह खत्म करने के लिए हम इसे लागू करें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद हम राज्य सरकारों से इस बारे में चर्चा करेंगे।

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जरूरत के मुताबिक अंतिम रूप
उन्होंने कहा कि मुख्य सांख्यिकी अधिकारी ने हाल में कहा है कि जून में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों की नई संख्या जारी की जाएगी। तभी पता चल पाएगा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के कितने लोग न्यूनतम आमदनी गारंटी योजना के दायरे में आएंगे। तब लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

सब्सिडी जायज
पूर्व वित्तमंत्री ने जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी देने को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस योजना से हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि हर परिवार की एक निश्चित राशि की न्यूनतम आमदनी हो। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ लक्ष्य हासिल करने के लिए सब्सिडी देती है। अगर वह लक्ष्य जायज है, तो सब्सिडी जारी रखने में कोई हर्ज नहीं है।

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मंहगाई पर असर नहीं
पूर्व वित्तमंत्री ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कुछ अमीर लोगों की आमदनी 2100 करोड़ रुपये प्रतिदिन है। इससे महंगाई पर कोई असर नहीं पड़ता है। गरीब को अगर पचास रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती है, तो महंगाई की चर्चा होने लगती है।

कर्ज माफी
चिदंबरम ने कहा कि किसानों की कर्जमाफी राज्यवार है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि हम प्रदेश में सरकार का गठन करते हैं तो कर्ज माफ करेंगे। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे, हम उनमें प्रदेश कांग्रेस से चर्चा कर कर्जमाफी को राज्य के घोषणा-पत्र में शामिल करेंगे। हमने ओडिशा में कर्जमाफी का वादा किया है। उनके मुताबिक, राज्य सरकार किसानों का कर्ज माफ कर रही है, ऐसे में मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों का कर्ज दोबारा माफ करने का कोई मतलब नहीं है।

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सामाजिक सुरक्षा
चिदंबरम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए घोषणा-पत्र तैयार करने के लिए समाज के अलग-अलग वर्गों से चर्चा चल रही है। चर्चा के दौरान वृद्धा पेंशन में वृद्धि और लोगों को सामाजिक सुरक्षा देने के सुझाव आए हैं। इन सुझावों से साफ है कि बड़ी संख्या में लोगों के पास न्यूनतम आमदनी का भी जरिया नहीं है। करीब पच्चीस फीसदी लोगों के पास कोई आमदनी नहीं है।

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