Lok sabha elections 2019: जीत के लिए 'जेम्स बॉन्ड' से निकलवा रहे गुप्त सूचनाएं
लोकसभा चुनाव (Lok sabha elections 2019) में जहां नेता देशभर में रैलियों से समर्थन जुटा रहे हैं, वहीं पर्दे के पीछे 'जेम्स बॉन्ड' के जरिए जीत की जुगत भी लगाई जा रही है। नेता निजी जासूसों के...
लोकसभा चुनाव (Lok sabha elections 2019) में जहां नेता देशभर में रैलियों से समर्थन जुटा रहे हैं, वहीं पर्दे के पीछे 'जेम्स बॉन्ड' के जरिए जीत की जुगत भी लगाई जा रही है। नेता निजी जासूसों के जरिए गुप्त सूचनाएं जुटाने में भी लगे हुए हैं।
एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट डिटेक्टिव्ज एंड इन्वेस्टिगेटर्स के अध्यक्ष कुंवर विक्रम सिंह ने बताया कि राजनीतिक दल अपने विरोधियों पर नजर रखने के लिए जासूसी एजेंसियों की सेवाएं ले रहे हैं। ताकि विरोधियों के चुनाव प्रचार अभियान की धज्जियां उड़ा सकें। उन्होंने कहा, ‘वे नेता भी हमसे संपर्क कर रहे हैं जिन्हें टिकट नहीं मिल सका ताकि पार्टी के उम्मीदवार की छवि बिगाड़ कर उनके चुनाव जीतने की संभावनाओं को खत्म कर सकें।'
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जीडीएक्स डिटेक्टिव्ज के प्रबंध निदेशक महेश चंद्र शर्मा के मुताबिक चुनावी मौसम के दौरान निजी जासूसी एजेंसियों की सेवाएं लेना अब एक चलन बन गया है। नेता जानना चाहते हैं कि उनका विरोधी खेमा आखिर क्या रणनीतियां बना रहा है। इसके अलावा वे विरोधी की हर दिन की गतिविधि पर भी पैनी निगाह बनाए रखना चाहते हैं। इसके लिए वे मोटा पैसा चुकाते हैं।
ट्रंप के चुनाव अभियान की जासूसी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान एफबीआई एजेंटों पर जासूसी के आरोप लगे थे। अमेरिकी न्याय विभाग ने बाद में इस बात की जांच की कि क्या एफबीआई एजेंटों ने अनुचित उद्देश्यों के लिए ट्रंप के चुनाव अभियान की जासूसी की थी या नहीं। अमेरिकी मीडिया ने जानकारी दी थी कि संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का एक जासूस ट्रंप के प्रचार अभियान के सहयोगियों के संपर्क में था।
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