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Lok Sabha Elections 2019: दिल्ली की सातों सीटों में इस सीट के नतीजे आएंगे सबसे पहले, जानें वजह

Lok Sabha Elections 2019: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर सबसे पहले नई दिल्ली तो सबसे देर से उत्तर-पश्चिमी संसदीय सीट के चुनाव परिणाम आएंगे। नई दिल्ली में मतदाताओं की संख्या कम होने से पोलिंग स्टेशनों...

Lok Sabha Elections 2019:  दिल्ली की सातों सीटों में इस सीट के नतीजे आएंगे सबसे पहले, जानें वजह
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता Mon, 20 May 2019 07:59 AM
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Lok Sabha Elections 2019: दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर सबसे पहले नई दिल्ली तो सबसे देर से उत्तर-पश्चिमी संसदीय सीट के चुनाव परिणाम आएंगे। नई दिल्ली में मतदाताओं की संख्या कम होने से पोलिंग स्टेशनों की संख्या कम है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीट पर मतदाताओं के लिहाज से सबसे बड़ी लोकसभा होने से सबसे अधिक पोलिंग स्टेशन हैं।

दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में मतदाताओं के लिहाज से नई दिल्ली में सबसे कम, महज 16.15 लाख मतदाता हैं। इसी सीट पर सातों लोकसभा में सबसे कम महज 56.86 फीसदी मतदान भी हुआ है। ऐसे में बताया जा रहा है कि यहां इस बार अधिकतम 16 राउंड में वोटों की गिनती खत्म हो जाएगी। इसके चलते नतीजे भी जल्दी आ जाएंगे।

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उत्तर-पश्चिमी सीट पर सबसे देरी से नतीजे आने का कारण यह है कि मतदाता के लिहाज से यह सबसे बड़ी लोकसभा है। यहां कुल 23.77 लाख मतदाता है। यहां 58.96 फीसदी मतदान हुआ है। मतदाताओं की अधिक संख्या और इस लोकसभा सीट का क्षेत्रफल अधिक होने के कारण यहां पोलिंग स्टेशनों की संख्या दूसरे लोकसभा क्षेत्र की तुलना में सबसे अधिक है। यही वजह है कि यहां 18-20 से भी अधिक राउंड में मतों की गणना हो पाएगी। इस कारण यहां के नतीजे सबसे देरी से आने की संभावना है।

इस बार कोर्ट के आदेश पर प्रत्येक लोकसभा में 50 पोलिंग स्टेशन पर वीवीपीएटी (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) पर्चियों की गिनती होगी। उसका मिलान ईवीएम के वोटों की संख्या से किया जाएगा। क्योंकि नई दिल्ली में मतदाताओं की संख्या सबसे कम है तो यहां प्रति पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की संख्या औसतन 800 से 1200 के बीच में है। उत्तर-पश्चिमी लोकसभा सीट पर यह औसत संख्या 1000 से 1300 तक है। तीन पोलिंग स्टेशन ऐसे हैं जहां एक ही जगह 10-10 हजार मतदाता हैं। उन पोलिंग स्टेशनों पर अगर वीवीपीएटी के पर्चियों की गिनती कर मिलान ईवीएम में पड़े वोट से किया गया तो नई दिल्ली में यह काम जल्दी होगा। जबकि उत्तर-पश्चिमी में अतिरिक्त समय लगेगा।

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