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लोकसभा चुनाव: राजभर ने घोषित किए उम्मीदवार, पर BJP के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा

उत्तर प्रदेश सरकार में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को अपनी पार्टी से 39 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। सुभासपा अध्यक्ष व मंत्री...

 लोकसभा चुनाव: राजभर ने घोषित किए उम्मीदवार, पर BJP के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की इच्छा
लखनऊ | अजित खरेWed, 17 Apr 2019 09:52 AM
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उत्तर प्रदेश सरकार में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को अपनी पार्टी से 39 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। सुभासपा अध्यक्ष व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि प्रदेश में पांचवें, छठे और सातवें चरण की सीटों पर होने वाले चुनाव में वह अपनी पूरी ताकत दिखाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ने की उनकी इच्छा है। आरोप लगाया कि इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे किसी भी दल ने प्रदेश में किसी राजभर को प्रत्याशी नहीं बनाया है। सपा-बसपा गठबंधन के सवाल पर बोले कि दोनों दल दगे कारतूस हैं। 

सीएम मांगें तो अभी इस्तीफा देने को तैयार : इस मौके पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह सत्ता के लालची नहीं हैं। मुख्यमंत्री मांगें तो वह और उनके साथ विभिन्न निगमों में अध्यक्ष व सदस्य बनाए गए उनकी पार्टी के सभी नेता इस्तीफा देने पहुंच जाएंगे। 

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राजभर की नाराजगी से हो सकता है बड़ा नुकसान 

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि दोनों की यह खींचतान भाजपा को बड़ा नुकसान कर सकती है। वजह यह है कि पूर्वांचल के राजभरों और उसकी उपजातियों पर बसपा की भी अच्छी पकड़ है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि नाराजगी का फायदा उठा कर बसपा भी राजभरों को पूरी तरह अपने पाले में कर ले। पूर्वांचल में उसके पास सुखदेव राजभर व राम अचल राजभर जैसे कद्दावर नेता भी हैं। यही वजह है कि भाजपा ओम प्रकाश की शर्तों के आगे फिलवक्त ठिठकी सी नज़र आ रही है। भाजपा-एनडीए ने 79 सीटें तो घोषित कर दीं हैं, लेकिन घोसी पर फैसला अभी नहीं किया। पार्टी नहीं चाहती कि ओम प्रकाश को नाराज होने से राजभर समुदाय में यह भ्रम फैले कि भाजपा नेतृत्व ने राजभरों को कोई तवज्जो नहीं दी। 

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ताकत की वजह : ओम प्रकाश ने पार्टी के गठन के बाद लगातार हर जिले में सम्मेलन कर राजभरों व अति पिछड़ी जातियों को एकजुट कर ताकत के रूप में खड़ा किया है। भाजपा ने 2017 में सुभासपा से गठबंधन किया था। पार्टी ने अति दलितों में खटिक, नट, बांसफोड़ आदि को जोड़ने का अभियान छेड़ रखा है। इन सभी जातियों की पूर्वांचल में खासी तादाद है। अति पिछड़ों का नेता बनने के लिए ही उन्होंने प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को तीन हिस्सों में बांटने का आंदोलन चला रखा है। उनकी नाराज़गी से पूर्वांचल के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में यह जातियां पार्टी से नाराज हो सकती हैं।

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यूपी सरकार में भाजपा की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अध्यक्ष व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को अपनी पार्टी से 39 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। उन्होंने कहा कि वह भाजपा के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा नहीं मानी। भाजपा से विधानसभा चुनाव में समझौता बना रहेगा। अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने के वक्त मंगलवार को मीडिया से बातचीत में राजभर ने कहा कि भाजपा नेता चाहते थे कि वह भाजपा के चिह्न पर चुनाव लड़ें। 

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