Lok Sabha Elections Exit Poll 2019: आज आएगा एग्जिट पोल, जानें क्या है प्री, पोस्ट और एग्जिट पोल में अंतर
कई महीने तक चले सियासी दंगल का आज आखिरी दौर है। इसके बाद चर्चा इस बात पर शुरू होगी कि सरकार बीजेपी की बनती है या फिर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग...
कई महीने तक चले सियासी दंगल का आज आखिरी दौर है। इसके बाद चर्चा इस बात पर शुरू होगी कि सरकार बीजेपी की बनती है या फिर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण की वोटिंग आज होगी। 19 मई को लोकसभा चुनाव के सातवें यानी अंतिम चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल का दौर शुरू हो जाएगा। जब तक 23 मई को आने वाले औपचारिक नतीजे सामने नहीं आ जाते, तब तक एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल के अनुमान से लोग संकेत समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल, एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल चुनाव के दौरान मतदाताओं से बातचीत कर विभिन्न राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की जीत हार के पूर्वानुमानों का आकलन होता है। एग्जिट पोल में विभिन्न स्तरों के आधार पर किए ये सर्वेक्षण अलग-अलग प्रकार के होते हैं। इतना ही नहीं, इनके आंकड़ें निकालने का तरीका भी भिन्न होता है। तो चलिए जानते हैं क्या होता है एग्जिट पोल, ओपिनियन पोल और कैसे होता है सैंपलिंग।।
दरअसल, एग्जिट पोल को समझने के लिए सबसे पहले आपको ओपिनियन पोल के बारे में जानने की जरूरत है। ओपिनियन पोल के तीन ब्रांचेज हैं। प्री पोल, एग्जिट पोल और पोस्ट पोल। प्राय: लोग एग्जिट पोल, ओपनियन पोल और पोस्ट पोल को लेकर उलझन में पड़ जाते हैं और इन्हें एक ही समझ लेते हैं, मगर डाटा के साथ-साथ तरीकों के हिसाब से ये काफी अलग होते हैं।
ओपिनियन पोल
ओपिनियन पोल में अक्सर यह पूछा जाता है कि वोटर किसे वोट करने की योजना बना रहा है या किसे वोट करेगा। ओपिनियन पोल में लोगों की राय को समझने के लिए अलग-अलग तरीके से आंकड़े जमा किए जाते हैं। मसलन वह किसे वोट करेगा, किसकी सरकार वह चाहता है।
क्या है एग्जिट पोल:
चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग के दिन शाम में एग्जिट पोल होता है। यानी वोटिंग खत्म होने के बाद ही उसी दिन एग्जिट पोल के आंकड़ें सामने आते हैं। एग्जिट पोल एक तरह से वोटरों की राय होती है। एग्जिट पोल में वोटिंग के बाद जब मतदाता पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो टीवी चैनल के प्रतिनिधि या एजेंसियों के प्रतिनिधि उनसे कुछ सवाल करते हैं और उनकी राय जानने की कोशिश करते हैं। दरअसल, एग्जिट पोल एक तरह से संकेत के रूप में होता है कि इस बार कौन सी पार्टी सरकार बनाएगी और कौन सी नहीं। एग्जिट पोल में मतदाताओं से यह पूछा जाता है कि उन्होंने वास्तव में किसे वोट दिया है। बता दें कि एग्जिट पोल संगठन के सदस्यों द्वारा कंडक्ट होता है। एग्जिट पोल के डाटा को आखिरी वोटिंग के दिन ही शाम में दिखाया जाता है।
क्या है प्री पोल:
अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी चुनाव का शंखनाद होता है, उससे पहले से ही टीवी चैनल्स, अखबार जनता के मुड के नाम से सर्वे और पोल दिखाने लगते हैं। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही टीवी-अखबारों में ऐसे पोल आते हैं कि अगर आज चुनाव हुए तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी और किसकी सरकार बनेगी।
पोस्ट पोल क्या है?
पोस्ट पोल हमेशा वोटिंग के बाद होता है। एग्जिट पोल में जहां मतदान के दिन ही वोटरों का मन टटोला जाता है, वहीं पोस्ट पोल में मतदान के अगले दिन या फिर उसके एक दो दिन बाद डाटा जुटाने की कोशिश होती है। पोस्ट पोल सर्वे एग्जिट पोल से ज्यादा सटिक माने जाते हैं।