ओडिशा में फिर चलेगा नवीन पटनायक का जादू या दिखेगा मोदी मैजिक
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर कई महीनों तक चला सियासी घमासान शाम छह बजे के बाद थम जाएगा। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग के बाद अब सबको परिणाम का इंतजार है। इस चुनाव में जिन राज्यों के नतीजों पर...
लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर कई महीनों तक चला सियासी घमासान शाम छह बजे के बाद थम जाएगा। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग के बाद अब सबको परिणाम का इंतजार है। इस चुनाव में जिन राज्यों के नतीजों पर सबकी निगाहें टिकी हैं, उनमें ओडिशा भी प्रमुखता से शामिल है। ओडिशा में लोकसभा चुनाव की लड़ाई नवीन पटनायक बनाम नरेंद्र मोदी है। बीते दो दशक से राज्य की सत्ता में काबिज नवीन पटनायक ने इस बार भी बीजेपी को कड़ी चुनौती दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान ओडिशा में फेनी तूफान आया था, जिसके चलते 11 जिलों में आचार संहिता को हटा दिया था। दरअसल, बीजेपी यहां नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करती दिखी, मगर पीएम मोदी से लेकर अमित शाह ने उस तरह से अपने तेवर नहीं दिखाए, जैसा वे अन्य राज्यों में विरोधियों के खिलाफ अपनाते हैं। यही वजह है कि इस चुनाव में ओडिशा पर सबकी नजरें हैं।
दरअसल, ओडिशा में बीजू जनता दल यानी बीजेडी का पिछले दो दशक से शासन है। भाजपा भी पिछले कई सालों से यहां पांव जमाने की कोशिश कर रही है। ओडिशा में 21 लोकसभा सीटें हैं और 2014 के आम चुनाव में सत्ताधारी दल बीजू जनता दल ने 20 सीटें जीती थीं। जबकि बीजेपी यहां एक सीट ही जीतने में कामयाब हो पाई थी। जिस सीट से यहां भाजपा को कामयाबी मिली है वह है सुंदरगढ़ सीट।
ओडिशा एक नजर में-
सत्ताधारी दल- बीजू जनता दल
लोकसभा सीटों की संख्या- 21
पार्टी वाइज लोकसभा सीटें= बीजेडी 20, भाजपा -1
पार्टी वाइज विधानसभा सीटें - बीजेडी-118, कांग्रेस -16, बीजेपी -10 और अन्य -3