कंधे पर मासूम, जेब में 200 रुपये: लॉकडाउन के बीच चंडीगढ़ से MP को निकले मजदूर
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के चलते दुनियाभर के देश तकरीबन ठहर से गए हैं। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। दुनिया की तकरीबन एक तिहाई आबादी घरों में रहने के लिए मजबूर है। पिछले बुधवार...
कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के चलते दुनियाभर के देश तकरीबन ठहर से गए हैं। भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन लगा दिया गया है। दुनिया की तकरीबन एक तिहाई आबादी घरों में रहने के लिए मजबूर है। पिछले बुधवार से ही भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है। इस कठिन समय में लोग अपने घरों के लिए जा रहे हैं। ज्यादातर मजदूर पैदल ही अपना सामान लेकर घरों और गांवों की ओर निकल पड़े हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ आदि जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। इसी तरह का मामला चंड़ीगढ़ में भी सामने आया है। यहां से कुछ मजदूर मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ के लिए जा रहे हैं। इन लोगों के साथ बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें इन्होंने कंधे पर बैठा रखा है।
पैदल घर के लिए जा रहे लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं। वहीं, जब न्यूज एजेंसी एएनआई ने बात की तो एक शख्स ने बताया कि उनकी जेब में सिर्फ दो सौ रुपये हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हम अपने घर नहीं जाएंगे तो हम यहां क्या खाएंगे?'
Chandigarh: Labourers heading towards their native places in Tikamgarh, Madhya Pradesh amid #CoronavirusLockdown. "What will we eat if we will not leave for our homes? I have Rs 200 left in my pocket which I'll use to buy snacks for my child en route home," says Heera, a worker. pic.twitter.com/3e9me2KLz2
— ANI (@ANI) March 28, 2020
उन्होंने कहा, 'मेरी जेब में सिर्फ 200 रुपये ही बचे हैं। इसे मैं रास्ते में बच्चों के लिए कुछ खाने में खर्च करूंगा।' मालूम हो कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से लगातार ऐसी खबरें और तस्वीरें सामने आ रही हैं। लोग लगातार बिहार और उत्तर प्रदेश पैदल ही जा रहे हैं।
इन घटनाओं के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई मुख्यमंत्रियों ने पलायन कर रहे मजदूरों के लिए व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। वहीं, दिल्ली यूपी बॉर्डर से शनिवार को बसें भी चलाई जा रही हैं, जो लोगों को लेकर उनके गांवों तक जाएंगी।
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