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LAC पर चीन को ताकत दिखाने का वक्त, ड्रोन और लड़ाकू विमानों से सेना करेगी युद्धाभ्यास

आगामी 1 फरवरी से 5 फरवरी तक वायुसेना का यह युद्धाभ्यास चीन को करारा जवाब तो होगा ही इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।

LAC पर चीन को ताकत दिखाने का वक्त, ड्रोन और लड़ाकू विमानों से सेना करेगी युद्धाभ्यास
Gaurav Kalaलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 21 Jan 2023 11:37 AM

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वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पूर्वी क्षेत्र में भारत और चीनी सेना में बढ़ते तनाव के बीच भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अगले महीने की शुरुआत में अरुणाचल प्रदेश, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, अन्य विमानों और ड्रोन के साथ एक प्रमुख हवाई युद्ध अभ्यास करेगी। यह युद्धाभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लगातार तीसरी सर्दियों के लिए चीन ने सीमा पर 50 हजार से ज्यादा सैनिकों और भारी मात्रा में हथियारों की तैनाती जारी रखी है।

हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पीएलए सैनिकों को संबोधित करते हुए सीमा पर मुस्तैद रहने की सलाह दी थी। आगामी 1 फरवरी से 5 फरवरी तक वायुसेना का यह युद्धाभ्यास चीन को करारा जवाब तो होगा ही इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह युद्धाभ्यास हासीमारा, तेजपुर और छाबुआ जैसे हवाई अड्डों से किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना ने 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के तुरंत बाद पूर्वोत्तर में दो दिवसीय अभ्यास भी किया था। आगामी एक फरवरी से फिर शुरू होने जा रहा यह अभ्यास बड़े पैमाने पर होगा और इसमें सी-130जे 'सुपर हरक्यूलिस' विमान, चिनूक हेवी-लिफ्ट और अपाचे समेत कई तरह के अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर शामिल होंगे। 

चीन की हरकत
दरअसल, पूर्वी लद्दाख में चीन ने लगातार तीसरी सर्दियों के लिए सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों और भारी हथियारों को तैनात करना जारी रखा है और अब तक रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग मैदानों और डेमचोक क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी पर चर्चा करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के 1,346 किमी के हिस्से में बल-स्तर बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, पीएलए ने दो अतिरिक्त 'संयुक्त हथियार ब्रिगेड' रखे हैं - प्रत्येक में लगभग 4,500 सैनिक टैंक, तोपखाने और अन्य हथियारों के साथ हैं - जो कि मौजूदा सर्दियों के दौरान भी पूर्वी क्षेत्र में तैनात हैं। 

सीमा पर हवाई गतिविधि लगातार बढ़ा रहा ड्रैगन
3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर चीन की हवाई गतिविधि बढ़ रही है, क्योंकि चीन ने भारत के सामने अपने सभी प्रमुख एयरबेस जैसे होतान, काशगर, गरगुनसा और शिगात्से को विस्तारित रनवे, कठोर आश्रयों और अतिरिक्त लड़ाकू विमानों, बमवर्षकों के लिए ईंधन भंडारण सुविधाओं के साथ अपग्रेड किया है। जिस तरह से पीएलए ने सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई-जंक्शन के पास डोकलाम के भूटानी क्षेत्र में अपनी गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाया है, यह भारत के लिए एक और चिंता का विषय है। 

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