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खुशखबरी : शहर की तरह गांव भी एलईडी स्ट्रीट लाइट से जगमगाएंगे

दूरदराज के गांवों की गलियां भी अब बड़े शहरों की तरह एलईडी स्ट्रीट लाइटों से जगमगाएंगी। केंद्र सरकार सभी गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने की शुरुआत कर रही है। इसके तहत हर बड़े गांव में सौ एलईडी...

खुशखबरी : शहर की तरह गांव भी एलईडी स्ट्रीट लाइट से जगमगाएंगे
सुहेल हामिद,नई दिल्लीMon, 07 Oct 2019 07:55 AM
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दूरदराज के गांवों की गलियां भी अब बड़े शहरों की तरह एलईडी स्ट्रीट लाइटों से जगमगाएंगी। केंद्र सरकार सभी गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने की शुरुआत कर रही है। इसके तहत हर बड़े गांव में सौ एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। विद्युत मंत्रालय का कहना है कि इससे रोशनी के साथ बिजली की बचत होगी। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विेसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि, ‘करीब 1600 शहरों में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगा दी गई हैं। अब गांवों का नंबर है। हम हर गांव में लगभग सौ स्ट्रीट लाइट लगाएगें। आंध्र प्रदेश और झारखंड में इसकी शुरुआत हो गई है।’

पूरा खर्च कंपनी उठाएगी:
सौरभ कुमार ने कहा कि तेलंगाना के साथ गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर समझौता अंतिम चरण में है। ईईएसएल दूसरे प्रदेशों के साथ भी गांवों में स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर बातचीत कर रही है। शहरों की तरह गांवों में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का पूरा खर्च ईईएसएल उठाएगी। ईईएसएल नगर पालिका और नगर निगम के साथ एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का समझौता करती है। वह अपने खर्च पर एलईडी लाइट लगाती है, इसके बाद निगम को बिजली के बिल में जो बचत होती है, वह उसका एक हिस्सा ईईएसएल को देता है। लाइटों का रखरखाव भी ईईएसएल करती है।

पांच साल का लक्ष्य:
भारत में कुल छह लाख 40 हजार गांव हैं। ईईएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी अगले पांच साल में सभी गांवों को एलईडी स्ट्रीट लाइटों से रोशन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए तीन करोड़ एलईडी स्ट्रीट लाइटों का बंदोबस्त कर लिया गया है, ताकि परेशानी न हो।

ब्रिटेन में भी स्ट्रीट लाइट:
माले (मालदीप) में ईईएसएल ने करीब ढाई लाख स्ट्रीटलाइट लगाई हैं। इसके साथ रियाद में भी ईईएसएल ने स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदला है। थाईलैंड में एलईडी स्ट्रीटलाइट बदलने को लेकर अगले सप्ताह समझौता होना है। ब्रिटेन में भी समझौता अंतिम दौर में है।

स्ट्रीट लाइट से बचत:
ईईएसएल ने सबसे पहले विशाखापट्टनम में 90 हजार स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदला था। करीब पांच साल पहले यह कार्यक्रम शुरू किया गया। विशाखापट्टनम एलईडी लाइटों से पहले स्ट्रीट लाइटों पर बिजली बिल और रखरखाव पर 31 करोड़ रुपए खर्च करता था। एलईडी लाइटों के बाद यह खर्च घटकर सिर्फ 11 करोड़ रुपए रह गया। इस बचत में से विशाखापट्टनम ईईएसएल को हर साल 15 करोड रुपए देता है। विशाखापट्टनम को दो साल और पैसा देना है, इसके बाद विशाखापट्टनम नगर निगम का नंबर है। 

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