सिंगापुर से सीख लेकर दिल्ली पुलिस कुछ ऐसे रखेगी क्वारंटाइन किए गए लोगों पर नजर
कोरोना वायरस के मामले लॉकडाउन के बावजूद तेजी से बढ़े हैं। सरकार लगातार संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में भेज रही है और कोविड-19 के संपर्क में आए संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन कर रही है। लेकिन, इनमें सबसे...

कोरोना वायरस के मामले लॉकडाउन के बावजूद तेजी से बढ़े हैं। सरकार लगातार संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में भेज रही है और कोविड-19 के संपर्क में आए संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन कर रही है। लेकिन, इनमें सबसे ज्यादा डर इस बात का बना रहता है कि कहीं वह संदिग्ध मरीज क्वारंटाइन के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए उसके मोबाइल फोन पर नजर रखने को कहा गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि दिल्ली पुलिस को यह आदेश दिया गया है कि होम क्वारंटाइन किए गए लोगों के मोबाइल फोन को ट्रैक करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं वह बाहर तो नहीं जा रहा या किसी के संपर्क में तो नहीं आ रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने पहले ही 25 हजार फोन नंबर पुलिस को ट्रेस करने के लिए दिए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यहा साफ किया कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि यह महामारी देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के स्टेज में है, उसके बावजूद मोबाइल फोन के ट्रेस करने से यह पता लगाया जा सकेगा कि क्वारंटाइन किया गया व्यक्ति कही नियम का उल्लंघन तो नहीं कर रहा है। साथ ही, उससे उसके संपर्क में आने वाले लोगों का भी पता लगाया जा सकेगा।
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केजरीवाल ने कहा, हमने कल ही 11 हजार नंबर दिल्ली पुलिस को ट्रैकिंग के लिए दिए थे और अब 14 हजार मोबाइल नंबर आज दिए हैं। क्वारंटाइन किए गए व्यक्ति के स्मार्टफोन पर नजर रखने का फैसला दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल के साथ सीएम अरविंद की हुई बैठक में लिया गया। केजरीवाल ने बताया कि यह सिंगापुर जैसे अन्य देश जो इसका इस्तेमाल होम क्वारंटाइन किए गए लोगों के लिए कर रहे हैं, उनसे सीख लेते हुए यहां पर किया जा रहा है।
क्वारंटाइन किए गए लोगों के स्मार्टफोन लोकेशन का इस्तमाल चीन ने किया था, जिसे सिंगापुर और अन्य यूरोपीय देशों ने अपनाया। पिछले हफ्ते यूके के डेटा एंड प्राइवेसी अथॉरिटी ने इस की की पुष्टि की है कि ये व्यक्तिगत निजता का उल्लंघन नहीं था। इससे पहले, कर्नाटक में क्वारंटाइन किए गए लोगों को हर घंटे लोकेशन ऑन कर सेल्फी भेजने को कहा गया था, जिसे बाद में तेलंगाना ने भी अपनाया था।
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