कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़े कानून की समीक्षा होगी : आयोग
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून पर आयोजित एक परामर्श में कुछ प्रमुख मुद्दे सामने आए, जिनमें यह बात भी उठी कि कानून रोकथाम को लेकर स्पष्ट नहीं है। इसके...
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून पर आयोजित एक परामर्श में कुछ प्रमुख मुद्दे सामने आए, जिनमें यह बात भी उठी कि कानून रोकथाम को लेकर स्पष्ट नहीं है। इसके बाद आयोग ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़े कानून की समीझा करने का फैसला लिया है।
‘मी टू’ अभियान के बीच आयोग ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेधाज्ञा और निवारण) अधिनियम, 2013 की समीक्षा करने का फैसला किया है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि इसके मौजूदा प्रावधानों में किसी संशोधन की जरूरत तो नहीं है। आयोग ने कहा कि आयोग को महिलाओं से उनके कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के पुराने अनुभवों को बयां करती याचिकाएं मिल रही हैं।
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इन याचिकाओं के मद्देनजर और मीडिया में यौन उत्पीड़न के सामने आ रहे मामलों पर विचार करते हुए कानून की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है। इस परामर्श सत्र में न्यायमूर्ति सुजाता मनोहर (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति जी रोहिणी (सेवानिवृत्त) तथा मेघालय की सहायक सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनुराधा पॉल आदि ने भाग लिया।