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लालकृष्ण आडवाणी बोले- बाबरी विध्वंस केस का फैसला मेरी और BJP की राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति प्रतिबद्धता को साबित करता है

भारतीय जानता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मैं विशेष अदालत द्वारा दिए गए निर्णय का तहे...

लालकृष्ण आडवाणी बोले- बाबरी विध्वंस केस का फैसला मेरी और BJP की राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति प्रतिबद्धता को साबित करता है
लाइव हिन्दुत्सान,नई दिल्ली।Wed, 30 Sep 2020 01:53 PM
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भारतीय जानता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मैं विशेष अदालत द्वारा दिए गए निर्णय का तहे दिल से स्वागत करता हूं। इस फैसले से राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रति मेरे व्यक्तिगत और भाजपा के विश्वास और प्रतिबद्धता का पता चलता है।

आपको बता दें कि कोर्ट ने आज 28 वर्षों के बाद इस मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।

जोशी ने फैसले को ऐतिहासिक करार दिया
कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए मुरली मनोहर जोशी ने इस केस में पक्ष रख रहे सभी वकीलों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, 'यह अदालत का ऐतिहासिक फैसला है। इससे साबित होता है कि अयोध्या में 6 दिसंबर की घटना के लिए कोई साजिश नहीं रची गई थी। हमारा कार्यक्रम और रैलियां किसी साजिश का हिस्सा नहीं थीं। हम खुश हैं, सभी को अब राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्साहित होना चाहिए।'

 

 

मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि वकीलों ने इतने जटिल केस में कोर्ट के समक्ष सही तरीके से तथ्यों को रखा। उन्होंने कहा कि देश की न्याय व्यवस्था में हमें विश्वास है। आपको बता दें कि फैसला सुनाने के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मुरली मनोहर जोशी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।

बाबरी मस्जिद विध्वंस केस
छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में 28 साल बाद जज सुरेंद्र कुमार यादव की विशेष अदालत अपना फैसला सुना दिया है। जज ने फैसला पढ़ते हुए कहा है कि यह विध्वंस पूर्व नियोजित नहीं था बल्कि आकस्मिक घटना थी। विशेष अदालत ने  लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी व कल्याण सिंह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया है। 

इस मामले में 49 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। इसमें से 17 की मौत हो चुकी है। सीबीआई व अभियुक्तों के वकीलों ने करीब आठ सौ पन्ने की लिखित बहस दाखिल की है। इससे पहले सीबीआई ने 351 गवाह व करीब 600 से अधिक दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं। 30 सितंबर, 2019 को सुरेंद्र कुमार यादव जिला जज, लखनऊ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फैसला सुनाने तक सेवा विस्तार दिया था। विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव के कार्यकाल का अंतिम फैसला 30 सितंबर को होगा। सीबीआई के वकील ललित सिंह के मुताबिक कि यह उनके न्यायिक जीवन में किसी मुकदमे का सबसे लंबा विचारण है। वह इस मामले में वर्ष 2015 से सुनवाई कर रहे हैं।

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