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अयोध्या फैसले से चंद दिनों पहले सड़क पर उमड़े लाखों श्रद्धालु, जानें वजह

अयोध्या फैसले से चंद दिन पहले प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में सोमवार की आधी रात के बाद अलग ही नजारा दिखा। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी के चारों ओर सड़कों पर उमड़ पड़े।...

Madan Tiwari अयोध्या, आदर्श शुक्ल, Wed, 6 Nov 2019 08:15 AM
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अयोध्या फैसले से चंद दिनों पहले सड़क पर उमड़े लाखों श्रद्धालु, जानें वजह

अयोध्या फैसले से चंद दिन पहले प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में सोमवार की आधी रात के बाद अलग ही नजारा दिखा। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी के चारों ओर सड़कों पर उमड़ पड़े। निर्धारित मुहूर्त मंगलवार की सुबह 06.05 बजे से करीब छह घंटे पहले ही चौदह कोसी परिक्रमा शुरू हो गई। यह परिक्रमा मंगलवार को पूरे दिन और फिर रात भर चलायमान रहेगी। 

आधी रात के बाद अचानक लाखों श्रद्धालुओं की ओर से नियत मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दिए जाने से प्रशासन और पुलिस महकमे की तैयारियां भी प्रभावित हुईं। परिक्रमा छह घंटे पहले ही शुरू हो जाने की सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने तमाम व्यवस्थाओं को नए सिरे से प्रभावी किया। 
रामनगरी की चौदह कोसी परिक्रमा के साथ ही अक्षय नवमी के पर्व पर मंगलवार से यहां का प्रसिद्ध कार्तिक परिक्रमा मेला शुरू हो गया। 

अयोध्या विवाद के लिए ये सप्ताह अहम, SC सुना सकता है फैसला

हर वर्ष कार्तिक मेले के मौके पर चौदह कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक पूर्णिमा स्नान होता है। लाखों की तादात में श्रद्धालु भी आते हैं, लेकिन इस बार यह सब तब हो रहा है जब अयोध्या के राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है। अयोध्या के लोगों को इस बार कम भीड़ आने का अंदेशा था। लेकिन सोमवार की आधी रात के बाद और फिर मंगलवार की सुबह से चौदह कोसी परिक्रमा में उमड़ी भीड़ देखकर  यही लगा कि लाखों श्रद्धालु किसी भी आशंका से भयभीत नहीं हैं। 

सरयू स्नान के साथ श्रीरामजन्मभूमि में किया दर्शन

सोमवार की आधी रात से शुरू हुई चौदह कोस की अयोध्या परिक्रमा मंगलवार को पूरे दिन जारी रही। अलग-अलग चरणों में देश भर से आए श्रद्धालुओं ने पहले सरयू स्नान किया और फिर परिक्रमा का शुभारंभ। चौदह कोस की सड़कों पर नंगे पांव युवा, बुजुर्ग, महिला, पुरुष और बच्चे, हर वर्ग के लोग श्रीराम का जयघोष करते हुए भक्तिभाव में आगे बढ़ते रहे। परिक्रमा पूरी करने के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और नागेश्वरनाथ समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। 

अब रामलला को मिलनी चाहिए टेंट से मुक्ति

कार्तिक परिक्रमा मेले के दौरान चौदह कोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 15 से 20 लाख श्रद्धालु राम की नगरी में पहुंचे हैं। बड़ी तादात में पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल होने के लिए आए हैं। चौदह कोसी परिक्रमा में भाग लेने के बाद तमाम श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन किया। रामलला का दर्शन कर जन्मभूमि से बाहर निकले कई श्रद्धालुओं से 'हिन्दुस्तान' ने बातचीत की। इस दौरान ज्यादातर श्रद्धालुओं ने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले की बाद की परिस्थितियों में किसी तरह की आशंका का उन्हें कोई खौफ नहीं है।

परिक्रमार्थियों से रूबरू हुए हिन्दू व मुस्लिम पक्षकार

चौदह कोसी परिक्रमा के दौरान एक सराहनीय प्रयास की तस्वीर भी सामने आयी। श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी चौदह कोसी परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं से रूबरू हुए। दोनों हिन्दू-मुस्लिम पक्षकार एक साथ परिक्रमा पथ पर पहुंचे। दोनों पक्षकारों ने परिक्रमा में शामिल होने आए श्रद्धालुओं को भाईचारे का संदेश दिया। 

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