जानिए, वैश्विक अर्थव्यवस्था की मंदी के लिए निर्मला सीतारमण ने किसे माना कसूरवार
भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकार के वृद्धि एजेंडा को लेकर आशंकाओं को खारिज करने का प्रयास करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वैश्विक...
भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकार के वृद्धि एजेंडा को लेकर आशंकाओं को खारिज करने का प्रयास करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वैश्विक अर्थव्यवस्था या किसी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुधार एक सतत प्रक्रिया है। यह उनकी सरकार के एजेंडा में शीर्ष पर है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान कम किया जा सकता है। अभी इसके 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मांग कमजोर रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक औसत या अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ रही है।
सीतारमण ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और मुद्रा के अवमूल्यन की वजह से वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव पैदा हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन का भी वित्त मंत्री ने जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा था कि परिसंपत्तियों का सृजन करने वालों का सम्मान होना चाहिए। सीतारमण ने कहा कि उनके 2019-20 के बजट में भी यह भावना थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के साथ बैठक की है ताकि उनकी जरूरतों के बारे में समझा जा सके। ''हमने सुधारों की रफ्तार कम नहीं हुई है।
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