हिमाचल : जानें उस शख्स के बारे में जिसने धूमल को सीएम बनने से रोका
किस्मत कैसे बाजी पलटती है इसका अंदाला हिमाचल प्रदेश के लिए नए मुख्यमंत्री के लिए हुए नाम के ऐलान से लगाया जा सकता है। यदि प्रेम कुमार धूमल चुनाव जीतते तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते, लेकिन वह...
किस्मत कैसे बाजी पलटती है इसका अंदाला हिमाचल प्रदेश के लिए नए मुख्यमंत्री के लिए हुए नाम के ऐलान से लगाया जा सकता है। यदि प्रेम कुमार धूमल चुनाव जीतते तो वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते, लेकिन वह विधायक भी नहीं रहे। लेकिन पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल का राजनीतिक करियर धूमिल करने के पीछे जिस शख्स का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है वह हैं कांग्रेस के विधायक राजिंदर राणा। इन्होंने ही धूमल को सुजानपुर सीट से पराजित किया। कहा जा रहा है कि धूमल ही राजिंदर के राजनीति गुरू थे। जानें कौन हैं राजिंदर राणा-
18 दिसंबर को जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आए तो सुजानपुर सीट से राजिंदर विजयी घोषित हुए। राजिंदर और धूमल के बीच हार-जीत का अंतर महज 3000 हजार मतों का रहा। इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए राजिंदर ने मीडिया से कहा था कि उनका जीतना यह दिखाता है कि जनता का भरोसा कांग्रेस में है। राजिंदर राणा का कहना था कि उन्होंने कभी लोगों की सेवा करने में कभी भी पांव पीछे नहीं खींचे। हम हमेशा यहां के लोगों की सेवा करेंगे।
धूमल के पैर छूकर लिया था चुनाव जीतने का आशीर्वाद-
खबर है कि चुनाव के लिए 23 अक्टूबर को जब प्रेम कुमार धूमल ने पर्चा दाखिल किया था तो उसी दौरान राजिंदर भी जिला कार्यायल पर्चा दाखिल करने पहुंचे थे। इस दौरान दोनों की आमने सामने मुलाकात हुई तो राजिंदर ने पैर छूकर धूमल से विजय का आशीर्वाद मांगा था। इस पर धूमल ने भी हाथ मिलाकर राणा को आशीर्वाद दिया।
धूमल ने दिलाई थी राजिंदर को राजनीति में एंट्री
बताया जा रहा है कि जब धूमल मुख्यमंत्री थे तब राजिंदर राणा की उनसे काफी करीबी थी। धूमल ही राजिंदर को राजनीति में लाए थे। इसके बाद आपसी मतभेद से राजिंदर भाजपा से अलग हो गए और फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।