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किसान क्रांति यात्रा: नेताओं-अफसरों ने देर रात निकाला सुलह का फॉर्मूला  

दिल्ली के दर पर डटे किसानों और सरकार के बीच दिन भर चली बैठकों के बाद देर रात सुलह का फार्मूला निकला। किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए थे। वेस्ट यूपी के कई अफसर और नेताओं को सुलह के लिए लगाया गया। रात...

किसान क्रांति यात्रा: नेताओं-अफसरों ने देर रात निकाला सुलह का फॉर्मूला  
नई दिल्ली, गौरव त्यागीThu, 04 Oct 2018 04:38 AM
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दिल्ली के दर पर डटे किसानों और सरकार के बीच दिन भर चली बैठकों के बाद देर रात सुलह का फार्मूला निकला। किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए थे। वेस्ट यूपी के कई अफसर और नेताओं को सुलह के लिए लगाया गया। रात करीब 12 बजे तय हुआ कि किसान दिल्ली जाएंगे और दिल्ली पुलिस उन्हें रास्ता देगी। किसान घाट जाने के बाद यात्रा खत्म हो जाएगी। 

गांधी जयंती की छुट्टी के कारण मंगलवार को किसान आंदोलन से ज्यादा दिक्कतें नहीं हुई। सरकार को पता था कि बुधवार को सभी दफ्तर खुलेंगे। ऐसे में एनएच 24 बंद होने से भयंकर जाम लग जाएगा। गृहमंत्री के साथ हुई वार्ता में किसानों की सात मांगे मान ली गई थी,लेकिन किसान दिल्ली जाने पर अड़े थे। शाम से ही सुलह के सूत्रधार कोई फार्मूला तलाशने में जुटे थे। लखनऊ से पुलिस और प्रशासन के आला अफसर पल-पल की खबर ले रहे थे। 

मंगलवार को कई विपक्षी दलों ने भी किसानों को समर्थन दिया था। सरकार को आशंका थी कि यह आंदोलन विपक्ष के हाथ में ना चला जाए। यही आशंका सुलह के लिए लगाए गए लोगों ने किसान नेताओं को भी बताई। रात करीब 12 बजे तय हुआ कि किसानों को दिल्ली जाने दिया जाए। इसके लिए केंद्रीय स्तर पर भी बात की गई। दिल्ली पुलिस ने किसानों के लिए रास्ता दिया और एनएच 24 पर लगाई बैरिकेट हटा ली गई। मुजफ्फरनगर में तैनात रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को वार्ता पर लगाया गया। 

भाजपा के जाट नेताओं को भी बात करने को कहा गया। यात्रा का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं की जिद थी कि वे किसान घाट तक जरूर जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली जाकर यात्रा खत्म करने पर किसान नेताओं को मना लिया गया। 

 

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किसान घाट पहुंचकर खत्म हुई यात्रा

करीब 15 घंटे तक दिल्ली के द्वार पर अड़े किसान मंगलवार देर रात किसान घाट पहुंचे। रात करीब 12.30 बजे दिल्ली पुलिस ने बैरिकेट हटा किसानों को रास्ता दे दिया। ट्रैक्टर ट्राली में बैठकर किसान राजघाट पहुंचे और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष ने किसान यात्रा खत्म करने की घोषणा की। इसके बाद किसान अपने घरों की तरफ रवाना हो गए। दस दिन पहले हरिद्वार से शुरू हुई किसान यात्रा गांधी जयंती की रात को किसान घाट पर पहुंची। पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद किसान यूपी बार्डर पर डट गए थे। रात को किसानों ने सड़क पर ही बिस्तर लगा लिया था। 

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