करेंसी, नक्शा और खुद की टाइगर फौज... खालिस्तान के लिए ऐसे तैयारी कर रहा था अमृतपाल
अमृतपाल टाइगर फोर्स में सिर्फ युवाओं की भर्ती करता था। पुलिस को खुलासे की पुष्टि के लिए अमृतपाल के करीबी तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के फोन से चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग समेत कई सबूत मिले हैं।

खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फौज के साथ अपनी खुद की सेना बना रहा था। उसने अपनी सेना का नाम 'अमृतपाल टाइगर फोर्स' रखा था। वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह ने खालिस्तान की मुद्रा भी डिजाइन और प्रिंट करवाई थी। अमृतपाल खालिस्तान के लिए आंदोलन चला रहा था। डॉलर से कॉपी की गई करेंसी पर खालिस्तान का नक्शा भी छपा था।
इंडिया टुडे के साथ एक विशेष इंटरव्यू में खन्ना पुलिस के एसएसपी अमनीत कौंडल ने यह जानकारी दी। एसएसपी ने कहा कि अमृतपाल सिंह ने कुछ राज्यों को चुना था और खालिस्तान के लिए उसी हिसाब से झंडा भी डिजाइन किया था। अमृतपाल सिंह ने जिस खालिस्तान की कल्पना की थी उसमें कपूरथला, पटियाला और जींद क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
अमृतपाल ने खालिस्तान की रियासतें भी बना ली थीं। इनमें सिख रियासत कपूरथला, पटियाला, जींद के झंडे भी डिजाइन कर लिए गए थे। जिस तरह से रेजिमेंट में फौजियो के नंबर लगते है उसी हिसाब से इसने आनंदपुर साहिब खालसा फोर्स और अमृतपाल टाइगर फोर्स के मेंबरों को बेल्ट के नाम से एकेएफ नंबर दिया जाता था। इन लोगो ने अपने हाथों और बाजुओं पर एकेएफ के टैटू बना लिए थे।
एसएसपी ने कहा कि अमृतपाल टाइगर फोर्स में सिर्फ युवाओं की भर्ती करता था। पुलिस को खुलासे की पुष्टि के लिए अमृतपाल के करीबी तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के फोन से चैट और ऑडियो रिकॉर्डिंग समेत कई सबूत मिले हैं।
पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान बनाने के लिए कई देशों के संपर्क में था और आईएसआई उसकी मदद कर रहा था। अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, जबकि पंजाब पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर की जा रही तलाश शुक्रवार को सातवें दिन में प्रवेश कर गई। खुफिया एजेंसियों द्वारा खालिस्तानी नेता के नेपाल के रास्ते भाग जाने की सूचना के बाद नेपाल सीमा चौकियों को अलर्ट पर रखा गया है।