तबाही का मंजर...कैसे सब कुछ बहा ले जा रही बरसात, वायनाड में त्राहि-त्राहि; देखिए वीडियो
Kerala Wayanad Landslides Video: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड और बारिश के चलते जबर्दस्त तबाही मची है। वायनाड से कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें तबाही का मंजर दिख रहा है, जैसे बारिश सब बहा ले जाएगी।
Kerala Wayanad Landslides Video: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड और बारिश के चलते जबर्दस्त तबाही मची है। वायनाड से कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें तबाही का मंजर दिख रहा है। ऐसा लग रहा है कि जैसे बरसात का पानी सबकुछ बहा ले जाएगा। फिलहाल यहां पर 43 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात को संभालाने के लिए राज्य से लेकर केंद्र तक की एजेंसियां सक्रिय हैं। एनडीआरफ से लेकर सेना के जवानों ने मोर्चा संभाल रखा है। इस बीच एक ब्रिज भी ढह गया, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन भी प्रभावित हुआ है। हालात अभी भी भी काबू में आते नहीं दिख रहे हैं क्योंकि बारिश लगातार जारी है।
मंगलवार तड़के हुए भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं। कई मकान जमींदोज हो गए हैं, नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं। सोमवार तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है। बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है। उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है। पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं।
भूस्खलन की घटनाएं मंगलवार तड़के हुईं जिससे अपने घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया। लोग फोन पर मदद की गुहार लगा रहे हैं और बचावकर्मी मलबे से लोगों का निकालने की कोशिशों में जुटे हैं। जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर के अनुसार, मृतकों की संख्या 45 हो गयी है। उन्होंने बताया कि चूरलमाला में भूस्खलन में 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, चेलियार नदी में बहे नौ लोगों के शव मलप्पुरम में बरामद किए गए। भूस्खलन से तबाह हुए मकानों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे होने के बाद लोग लगातार फोन कर मदद की गुहार लगाते रहे।
टेलीविजन चैनलों ने कई लोगों की फोन पर बातचीत प्रसारित की जिसमें वे रो रहे थे। यह लोग किसी से आकर उन्हें बचाने का अनुरोध कर रहे थे क्योंकि वे या तो अपने घरों में फंस गए या पुलों के बह जाने तथा सड़कों के जलमग्न होने के कारण उनके पास वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसी ही एक बातचीत में चूरलमाला शहर निवासी एक महिला को जोर-जोर से रोते हुए यह कहते सुना गया कि उसके घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। महिला को यह कहते हुए सुना गया कि कृपया कोई आओ और हमारी मदद करो। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि नौशीन (परिवार का कोई सदस्य) जीवित है या नहीं। वह दलदल में फंस गयी है। हमारा घर शहर में ही है...।
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