केरल ब्लास्ट में मृतकों की संख्या बढ़कर 2, पांच की हालत गंभीर; जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम का ऐलान
सीएम ने कहा, 'कलामसेरी में जो घटना हुई वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कुल 41 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 27 लोगों को एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। 4 घायलों को रिहा कर दिया गया है।'
केरल में कलामसेरी के कन्वेंशन सेंटर में हुए विस्फोट की जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम की घोषणा की गई है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने रविवार को खुद यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'कलामसेरी में जो घटना हुई वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कुल 41 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 27 लोगों को एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। 4 घायलों को रिहा कर दिया गया है। 2 लोगों की मौत हुई है और 5 की हालत गंभीर है।' उन्होंने कहा कि एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर के नेतृत्व में विशेष टीम इस घटना की जांच करेगी। जांच टीम में कुल 20 सदस्य शामिल होंगे। इस मामले पर सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
कलामसेरी में ईसाई समुदाय के सम्मेलन केंद्र में उस वक्त धमाके हुए, जब सैकड़ों लोग तीन दिवसीय प्रार्थना सभा के समापन अवसर पर एकत्र हुए थे। ईसाइयों के 'यहोवा के साक्षी' संप्रदाय का सदस्य होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो संदेश पोस्ट किया। विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो में खुद की पहचान मार्टिन के रूप में बताते हुए व्यक्ति ने दावा किया कि उसने विस्फोट इसलिए किए क्योंकि संगठन की शिक्षाएं 'देश के लिए सही नहीं' हैं। पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या का प्रयास) के साथ-साथ विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के प्रावधानों के तहत FIR दर्ज की है।
धमाकों की इस व्यक्ति ने ली जिम्मेदारी
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कानून व व्यवस्था एम.आर. अजित कुमार ने बताया कि विस्फोटों की जिम्मेदारी लेकर आत्मसमर्पण करने वाले व्यक्ति का नाम डोमिनिक मार्टिन है। उन्होंने कहा, 'उसने अपने दावे के समर्थन में सबूत भी दिए। हम फिलहाल इसकी जांच कर रहे हैं। हम उसके दावों और कृत्य को अंजाम देने के लिए बताए गए कारणों की भी जांच कर रहे हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि इस व्यक्ति ने खुद के 'यहोवा के साक्षी' ईसाई धार्मिक समूह का अनुयायी होने का भी दावा किया है। इस समूह की स्थापना 19वीं शताब्दी में अमेरिका में हुई थी। विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति ने कहा कि सभी को बम धमाकों और इसके बाद हुए गंभीर नतीजों के बारे में पता चल गया होगा।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस घटना को चौंकाने वाला बताया तो वहीं मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। राज्यपाल ने एक्स पर कहा, 'केरल में एर्नाकुलम जिले के कलामसेरी में धार्मिक सभा में विस्फोट के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। मृतकों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।' दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए विजयन ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दो व्यक्तियों की मौत हो गई और दो अन्य की हालत गंभीर है। जांच शुरू कर दी गई है। घटना को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।' वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के प्रदेश सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से अंजाम दी गई किसी भी भयावह घटना पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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