ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशसबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली दलित महिला पर हमला, संघ परिवार पर लगाया बड़ा आरोप

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली दलित महिला पर हमला, संघ परिवार पर लगाया बड़ा आरोप

केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिला बिंदू अम्मिनी पर बुधवार को हमला किया गया है। साल 2018 में दलित महिला कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी इस मंदिर में घुसी थीं। बताया जा रहा है कि...

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली दलित महिला पर हमला, संघ परिवार पर लगाया बड़ा आरोप
हिन्दुस्तान टाइम्स,तिरुवनंतपुरमWed, 05 Jan 2022 11:30 PM

इस खबर को सुनें

0:00
/
ऐप पर पढ़ें

केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली पहली महिला बिंदू अम्मिनी पर बुधवार को हमला किया गया है। साल 2018 में दलित महिला कार्यकर्ता बिंदू अम्मिनी इस मंदिर में घुसी थीं। बताया जा रहा है कि नॉर्थ केरल के कोझिकोड में बिंदू अम्मिनी पर हमला किया गया है। अपनी शिकायत पुलिस के पास दर्ज कराते हुए बिंदू अम्मिनी ने कहा है कि एक शख्स ने बिना वजह उनपर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से वो सड़क पर गिर गईं।

पुलिस का कहना है कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि CCTV फुटेज की जांच कर हमलावर को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। अम्मिनी ने कहा कि यह उनपर पहला हमला नहीं है। उन्होंने संघ परिवार से जुड़े संगठनों पर इन हमलों का आरोप लगाया है। बता दें कि पिछले महीने एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। जिसके बाद से वो अस्पताल में भर्ती थीं। हालांकि पुलिस ने कहा था कि यह एक दुर्घटना थी।

बिंदू अम्मिनी ने कहा, 'मैं अपने एक वकील से मिलने के लिए बीच पर पहुंची थी। अचानक एक युवक वहां आ गया और उसने मेरा रास्ता रोक दिया। वो मुझे गालियां देने लगा और फिर मुझसे झगड़ने लगा। लेकिन जब वहां आसपास के लोगों ने हस्तक्षेप किया तब वो भाग गया। यह सोची-समझी प्लानिंग के तहत किया गया हमला था।

आपको बता दें कि जब सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अहम फैसला दिया था तब उसके बाद बिंदू अम्मिनी और कनक दुर्गा इन दोनों ही महिलाओं ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साल 2018 में यहां काफी हिंसा भी हुई थी। कई लोग मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था और इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा था। इस मामले में अभी फैसले का इंतजार है।
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें