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केरल में सत्ताधारी CPI-M नेता की पत्नी की यूनिवर्सिटी में नियुक्ति को लेकर खड़ा हुआ विवाद

केरल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं की सरकारी पदों पर पिछले दरवाजों से हो रही नियुक्ति के आरोपों के बीच पूर्व सांसद एम बी राजेश की पत्नी की कोच्चि के कालाडी स्थित श्री शंकराचार्य...

केरल में सत्ताधारी CPI-M नेता की पत्नी की यूनिवर्सिटी में नियुक्ति को लेकर खड़ा हुआ विवाद
रमेश बाबू,तिरुवनंतपुरम Fri, 05 Feb 2021 04:40 PM
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केरल में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं की सरकारी पदों पर पिछले दरवाजों से हो रही नियुक्ति के आरोपों के बीच पूर्व सांसद एम बी राजेश की पत्नी की कोच्चि के कालाडी स्थित श्री शंकराचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी में असिस्टेंड प्रफेसर के पद पर नियुक्ति से नया विवाद खड़ा हो गया है।

कई युवा संगठनों ने सड़कों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया है और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से इस नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है। राज्यपाल यूनिवर्सिटी के चांसलर भी हैं। यह विवाद उस समय खड़ा हुआ जब इंटरव्यू बोर्ड के एक सदस्य डॉ. उमेर थारमेल ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि सामान्य प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और सीपीआई (एम) नेता आर निनिथा की नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थियों को दरकिनार किया गया। 

डॉ. थारामेल ने पोस्ट में लिखा, ''मैंने कभी नहीं सोचा था कि रैंक लिस्ट को इस तरह पलट दिया जाएगा। मैं सलेक्ट किए गए कैंडिटेड के राजनीतिक जुड़ाव को लेकर सबसे कम चिंतित था। यूजीसी और यूनिवर्सिटी के नियमों को नजरअंदाज किया गया।'' हालांकि, यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पीके धर्मराजन ने आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी को बदनाम करने का प्रयास है। 

यूनिवर्सिटीज में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे सेव यूनिवर्सिटी कैंपेन कमिटी ने इस मुद्दे को राज्यपाल के सामने उठाया है। कैंपेन कमिटी के मोहम्मद शाहिर खान ने कहा कि 21 जनवरी को असिस्टेंट प्रफेसर (मलयालम) पद के लिए इंटरव्यू हुआ था। यह पद मुस्लिम समुदाय के लिए रिजर्व था। कई कैंडिडेट बेहतर योग्यता वाले थे और उनके पास अधिक रिसर्च पेपर थे। लेकिन निनिथा की नियमों के खिलाफ नियुक्ति के लिए उन्हें नजर अंदाज किया गया

राजेश ने इस मुद्दे में किसी संलिप्तता से इनकार किया है और कहा कि उनकी पत्नी ने एक सप्ताह पहले यूनिवर्सिटी को जॉइन किया था और पिछले महीने जब रैंक लिस्ट प्रकाशित हुई थी तो किसी ने कोई आपत्ति नहीं जाहिर की थी। उन्होंने कहा कि वीसी विस्तृत जवाब दे चुके हैं और इसलिए और किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता नहीं है। 

विपक्षी दलों ने भी इस नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। राज्य में बैकडोर एंट्री को सामान्य बताते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्र ने कहा, ''शिक्षा के उत्तम केंद्रों को पार्टी नेताओं के पति-पत्नी को सेट करने के केंद्र बन गए हैं।'' यूथ कांग्रेस और भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए हैं। दो बार के सांसद राजेश 2019 में पलक्कड़ से लोकसभा चुनाव हार गए थे।

इससे पहले भी कई नियुक्तियों पर सवाल और विवाद खड़े हुए हैं। पिछले साल उच्च न्यायालय ने कालीकट विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर सीपीआई (एम) के विधायक ए एन शमसेर की पत्नी शहाना की नियुक्ति को रद्द कर दिया था। उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील 2018 में अपने चचेरे भाई के टी अदीब को राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम का जीएम नियुक्त किए जाने की वजह से विवाद में घिर गए थे। बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। पिछले साल किन्फ्रा अपैरल पार्क के एमडी के रूप में सीपीआई (एम) नेता ए अनंथन के बेटे जीवा आनंदन की नियुक्ति ने भी विवाद खड़ा कर दिया था।

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