Hindi Newsदेश न्यूज़Kejriwal decision to treat Kovid-19 to Delhiites only in Delhi hospitals reversed by Lt Governor

दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों को कोविड-19 के इलाज के केजरीवाल के फैसले को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने पलटा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए सिर्फ दिल्लीवासियों को भर्ती करने के फैसले को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने पलट...

Rajesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली।Mon, 8 June 2020 07:29 PM
share Share
Follow Us on

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिए सिर्फ दिल्लीवासियों को भर्ती करने के फैसले को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने पलट दिया है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह आदेश दिया था दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही कोरोना का इलाज किया जाएगा। उनके इस आदेश की काफी आलोचना की जा रही थी।

सोमवार (8 जून) को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों और निजी अस्पतालों में इलाज केवल दिल्लीवासियों के लिए सीमित करने के आप सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल ने आईसीएमआर दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया और कहा कि कोविड मामलों में नौ श्रेणियों के लिए जांच अनिवार्य की जाए।

अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उन्होंने एक कमेटी बनाई थी जिन्होंने यह सुझाव दिया कि जून के अंत तक उन्हें करीब 15 हजार कोरोना मरीजे के लिए बेड की जरूरत होगी। इस वक्त करीब 10 हजार कोरोना के  बेड है जिन्हें वह बाहरी लोगों के लिए इजाजत देंगे तो यह तीन तीन में फुल हो जाएगी।

— ANI (@ANI) June 8, 2020

 

क्या कहा था केजरीवाल ने?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि दिल्ली सरकार ने 4 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई थी, इस कमेटी ने अध्ययन के बाद जो रिपोर्ट पेश की है, उसके अनुसार दिल्ली में अगले कुछ दिनों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। जून के अंतिम सप्ताह तक दिल्ली को 15 हजार कोविड बेड की जरूरत होगी। और दिल्ली में मौजूदा वक्त में सिर्फ 10 हजार बेड ही उपलब्ध हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले सरकारी अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली वासियों के लिए बेड रिजर्व कर दिए हैं। हालांकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में सभी का इलाज किया जा सकेगा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें