पूरी तरह बदल गया है केदारनाथ धाम, विकास ने आसान की यात्रियों की राह
केदारनाथ धाम अब चारों ओर से सुरक्षित हो गया है। एक ओर मंदिर के ऊपरी तरफ वर्ष 2016 में थ्री टियर प्रोटेक्शन वॉल बनाकर केदारपुरी को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया वहीं अब मंदाकिनी और सरस्वती नदी के किनारे...
केदारनाथ धाम अब चारों ओर से सुरक्षित हो गया है। एक ओर मंदिर के ऊपरी तरफ वर्ष 2016 में थ्री टियर प्रोटेक्शन वॉल बनाकर केदारपुरी को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया वहीं अब मंदाकिनी और सरस्वती नदी के किनारे मास्टर प्लान से सुंदर, सुरक्षित और मजबूत रास्ते बनकर तैयार हो गए हैं। केदारपुरी में विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर को रास्तों के जाल से जोड़ दिया गया है। वर्ष 2013 में आई भीषण आपदा के बाद तहस-नहस हुई केदारपुरी अब पूरी तरह बदल गई है। करीब 6 सालों में केदारनाथ को पूरी तरह सुरक्षित कर दिया गया है। बड़े खेल मैदान की तरह मंदिर परिसर में यात्री आनंद महसूस कर रहे हैं जबकि इसके ठीक आगे बनाए गए गोल चक्कर में यात्री केदारपुरी का लुफ्त उठा रहे हैं।
Read Also: उत्तराखंड: चारधाम रेलवे लाइन का अंतिम सर्वे 2020 तक होगा पूरा
सरस्वती नदी किनारे रास्ते का निर्माण हुआ
बीते वर्ष मंदाकिनी नदी के किनारे यात्रियों की आवाजाही के लिए सिंचाई विभाग द्वारा करीब 390 मीटर लम्बे और 5 मीटर चौड़े आस्था पथ का निर्माण किया गया तो अब सरस्वती नदी किनारे वुड स्टोन कस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा करीब 450 मीटर लम्बे और 5 मीटर चौड़े रास्ते का निर्माण कार्य पूरा कर दिया गया है। मुख्य मार्ग पहले ही 52 फीट चौड़ा बनाया गया है। पूरी तरह मास्टर प्लान के तहत हो रहे रास्तों के निर्माण से अब केदारपुरी में आवाजाही काफी बेहतर हो गई है जबकि आपदा से पहले यहां यात्रियों को काफी दिक्कतें होती रही हैं। अब केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शनों के साथ ही यात्रियों को यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने का अवसर भी मिल सकेगा।
Read Also: ऊर्जा निगम की वित्तीय व्यवस्था गड़बड़ाई तो बिजली कटौती संभव
गरुड़चट्टी और भैरव मंदिर को बन रहे पुल
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया, 'भैरव मंदिर जाने के लिए पुल का काम जोरों पर चल रहा है। जबकि गुरुड़चट्टी के लिए पुल के एम्बडमेंट तैयार हो रहे हैं। इस वर्ष शीतकाल में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन दोनों पुलों के निर्माण से भगवान भैरवनाथ और गरुड़चट्टी की आवाजाही काफी आसान हो जाएगी। केदारनाथ में सरस्वती नदी किनारे रास्ते का निर्माण पूरा कर दिया गया है। जबकि मंदाकिनी नदी किनारे आस्था पथ बीते साल ही बना दिया गया है। आने वाले यात्रा सीजन में इन रास्तों का यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा। केदानाथ मंदिर में यात्री किसी भी रास्ते से आ जा सकता है।'
पाइए देश-दुनिया की हर खबर सबसे पहले www.livehindustan.com पर। लाइव हिन्दुस्तान से हिंदी समाचार अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करें हमारा News App और रहें हर खबर से अपडेट।