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कश्मीर में हालात: 15वें दिन भी घाटी में नहीं खुले प्राइवेट स्कूल, जानें क्या कहना पेरेंट्स का

कश्मीर में सरकार ढील दे रही है और सोमवार को कई स्कूल खुले भी लेकिन सभी निजी स्कूल सोमवार को लगातार 15वें दिन भी बंद रहे क्योंकि पिछले दो दिन से यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर अभिभावक सुरक्षा...

 कश्मीर में हालात: 15वें दिन भी घाटी में नहीं खुले प्राइवेट स्कूल, जानें क्या कहना पेरेंट्स का
नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 19 Aug 2019 01:45 PM
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कश्मीर में सरकार ढील दे रही है और सोमवार को कई स्कूल खुले भी लेकिन सभी निजी स्कूल सोमवार को लगातार 15वें दिन भी बंद रहे क्योंकि पिछले दो दिन से यहां हुए हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर अभिभावक सुरक्षा स्थिति को लेकर आशंकित हैं। सोमवार को प्रतिबंधों में और ढील दिए जाने पर कई स्कूलों में शिक्षक तो पढ़ाने पहुंचे लेकिन वहां ज्यादा छात्र नहीं दिखे। अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने श्रीनगर में 190 प्राथमिक स्कूलों को खोलने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं जबकि घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षा बल अब भी तैनात हैं। केवल बेमिना स्थित 'पुलिस पब्लिक स्कूल और कुछेक केन्द्रीय विद्यालयों में ही थोड़े बहुत छात्र पहुंचे।

एक अभिभावक फारूक अहमद डार ने कहा, स्थिति इतनी ज्यादा अनिश्चित है कि अभी बच्चों को स्कूल भेजने का सवाल ही नहीं उठता। बारामुला जिले के अधिकारियों ने बताया कि पांच शहरों में स्कूल बंद रहे। बाकी जिले में स्कूल खुले हैं।

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अधिकारी ने कहा, '' पट्टन, पल्हालन, सिंहपूरा, बारामुला और सोपोर में प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी गई है। जिले में बाकी जगह प्राथमिक स्कूल खुले थे। कितने छात्र स्कूल पहुंचे इस संबंध में हम जानकारी हासिल कर रहे हैं।

श्रीनगर जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपनगर में कुछ स्कूल खुले रहे लेकिन पिछले दो दिन में हुई हिंसा के कारण पुराने शहर और सिविल लाइन्स इलाकों में स्कूल बंद रहे। अधिकारियों ने सोमवार से प्राथमिक स्तर तक के स्कूल खोलने और सभी सरकारी कार्यालयों में काम शुरू करने की योजना बनाई थी।

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केन्द्र सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के बाद से श्रीनगर के जिन इलाकों में शांति कायम रही वहां से पुलिस ने अवरोधक हटा दिए हैं। घाटी में बाजार बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से गायब रहे। प्रतिबंधों में ढील के बाद से शहर में निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ी है।
 

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