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Karnataka Politics: कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद BJP ने बनाई ये रणनीति, ये होगा अगला कदम

कर्नाटक (Karnataka) में अपनी सरकार बनाने के लिए तैयार बैठे बीजेपी (BJP) के प्रदेश नेतृत्व को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। कांग्रेस-जेडीएस (Congress- JDS Government) के बागी विधायकों का मामला सुप्रीम...

Karnataka Politics: कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद BJP ने बनाई ये रणनीति, ये होगा अगला कदम
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता Thu, 25 Jul 2019 08:48 AM
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कर्नाटक (Karnataka) में अपनी सरकार बनाने के लिए तैयार बैठे बीजेपी (BJP) के प्रदेश नेतृत्व को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। कांग्रेस-जेडीएस (Congress- JDS Government) के बागी विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) व विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित होने से बीजेपी फैसला होने तक इंतजार करेगी। इसके बाद ही अगला कदम उठाएगी, जहां सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। 

मंगलवार देर शाम कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार के गिरने के बाद भाजपा नेतृत्व ने देर रात सारी स्थिति पर विचार विमर्श किया। बुधवार सुबह कर्नाटक के नेताओं को संदेश दिया गया कि वे फिलहाल दिल्ली न आए। बागी विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद आगे कदम बढ़ाया जाएगा। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि सरकार बनाने के लिए विधायक दल की बैठक होगी, लेकिन नया नेता नहीं चुना जाएगा। येद्दियुरप्पा पहले से ही विधायक दल के नेता है और भावी मुख्यमंत्री भी वही हैं। इसलिए फिर से नेता चुनने की जरूरत नहीं है। ऐसे में केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक की जरूरत भी नहीं होगी। 

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अभी और टूट सकते है विधायक 

दरअसल भाजपा आलाकमान कर्नाटक में जल्दबाजी के पक्ष में नहीं है। वह सारी स्थितियों पर नजर रखे है। अभी कांग्रेस व जद एस से कुछ और विधायक टूट सकते हैं। विरोधी खेमे से जितने विधायक टूटेंगे, भाजपा को सदन के भीतर उतना लाभ होगा। कर्नाटक विधानसभा में एक मनोनीत विधायक को मिलाकर प्रभावी सदन 225 विधायकों का है। 

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इसमें कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव के समय भाजपा के साथ 105 व सरकार के साथ 99 सदस्य थे। अनुपस्थित विधायकों में 15 बागी विधायक हैं। इनके बारे में स्पीकर व सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। इन विधायकों के इस्तीफा मंजूर होने पर सदन की प्रभावी संख्या 210 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 106 होगा। भाजपा के पास 105 विधायक हैं। बसपा से बाहर हुए विधायक के साथ आने पर वह बहुमत का आंकड़ा बना लेगी। 

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