कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने स्पीकर को लिखा खत, पैदा हुआ विवाद
कर्नाटक में जिस वक्त विश्वासमत पर चर्चा हो रही थी उस वक्त ऐसी घटना हुई जिसने काफी रोचक मोड़ ले लिया। कुछ बीजेपी विधायकों की तरफ से फ्लोर टेस्ट में देरी की गठबंधन सरकार के आरोपों के बाद कर्नाटक के...
कर्नाटक में जिस वक्त विश्वासमत पर चर्चा हो रही थी उस वक्त ऐसी घटना हुई जिसने काफी रोचक मोड़ ले लिया। कुछ बीजेपी विधायकों की तरफ से फ्लोर टेस्ट में देरी की गठबंधन सरकार के आरोपों के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश को पत्र लिखते हुए कहा कि वह गुरुवार को ही विश्वासमत सुनिश्चित कराएं।
राज्यपाल वजुभाई वाला की तरफ से स्पीकर को लिख गए इस नोट विवाद का रूप ले लिया। उन पर यह आरोप लगाया गया कि विधानसभा में महत्वपूर्ण चर्चा, जो बिना किसी जल्दबाजी और दबाव के होनी थी, उसमें उन्होंने अपना हस्तक्षेप किया है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल की इस अपील का बचाव करते हुए गठबंधन सरकार पर दोहरे मापदंप अपनाने का आरोप लगाया।
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इससे पहले, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव को टालने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के सियासी संकट को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष जब तक व्हिप के मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेते तब तक के लिये इसे अमल में न लाया जाए।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि मुंबई में ठहरे 15 बागी विधायक उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित हैं कि वे विधानसभा की कार्यवाही से दूर रह सकते हैं और विधानसभाध्यक्ष के आर रमेश से कहा कि वे कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर जारी व्हिप के भविष्य को लेकर कोई फैसला दें।
सदन में विश्वास मत पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई सिद्धरमैया ने अध्यक्ष से कहा, 'अगर यह प्रस्ताव लिया जाता है तो यह संवैधानिक नहीं होगा। यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है। मैं आपसे इसे टालने का अनुरोध करता हूं। मैं इस व्यवस्था के विषय पर आपका फैसला चाहता हूं।'
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