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गोहत्या रोधी कानून वापस लेगी कर्नाटक सरकार? पशुपालन मंत्री बोले- भैंसों का वध हो सकता है तो गायों का क्यों नहीं

वेंकटेश ने कहा, 'हमने अभी तक फैसला नहीं किया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की इजाजत दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए।'

गोहत्या रोधी कानून वापस लेगी कर्नाटक सरकार? पशुपालन मंत्री बोले- भैंसों का वध हो सकता है तो गायों का क्यों नहीं
Niteesh Kumarएजेंसी,बेंगलुरुSat, 03 Jun 2023 08:08 PM
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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में लागू 'गोहत्या रोधी' कानून वापस लेने के संकेत दिए हैं। पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने शनिवार को इशारा किया कि कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती बीजेपी गवर्नमेंट की ओर से लाए गए गोहत्या रोधी कानून की समीक्षा कर सकती है। साथ ही, उन्होंने सवाल किया कि जब भैंसों का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं। मंत्री ने कहा कि सरकार इस सिलसिले में चर्चा करेगी और फैसला लेगी।

वेंकटेश ने कहा, 'हमने अभी तक फैसला नहीं किया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें उसने भैंस और भैंसा का वध करने की इजाजत दी थी, लेकिन कहा था कि गोहत्या नहीं होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि जब भैंस और भैंसा का वध किया जा सकता है तो गायों का क्यों नहीं? यह सवाल स्वाभाविक रूप से उठता है। हम चर्चा करेंगे और फैसला लेंगे। इस सिलसिले में अब तक कोई चर्चा नहीं हुई है।

'गाय को दफन करने के लिए बुलानी पड़ी JCB'
बूढ़ी गायों की देखभाल करने में किसानों की ओर से सामना की जाने वाली मुश्किलों के बारे में मंत्री से सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने अपना उदाहरण दिया, जिसमें उन्हें अपनी मृत गाय को दफन करने के लिए एक 'जेसीबी' की मदद लेनी पड़ी थी। कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम और संरक्षण अधिनियम को 2021 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने लागू किया था। यह अधिनियम राज्य में मवेशियों के वध पर प्रतिबंध लगाता है। केवल बीमार मवेशियों और 13 साल से अधिक उम्र की भैंसों का वध करने की अनुमति दी गई।

राज्य में उस वक्त विपक्ष में रही कांग्रेस ने तत्कालीन भाजपा सरकार के इस कदम का विरोध किया था। दूसरी ओर, भाजपा की कर्नाटक यूनिट ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस से प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की बात कही है। भाजपा ने कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 5 वादों को लागू करने के लिए राजस्व के स्रोत के बारे में बताने को कहा। दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र के सांसद नलिन कुमार कटील ने कहा कि चुनावी गारंटी के कार्यान्वयन से जुड़ी कांग्रेस सरकार की योजना में स्पष्टता का अभाव है।

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