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तो इसलिए डिप्टी CM पर राजी हुए शिवकुमार, सोनिया गांधी ने कैसे शिमला से साधा कर्नाटक

Karnataka Next CM: शनिवार को राजधानी बेंगलुरु में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। कांग्रेस का कहना है कि इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य बड़े नेताओं को न्योता भेजा जा सकता है।

तो इसलिए डिप्टी CM पर राजी हुए शिवकुमार, सोनिया गांधी ने कैसे शिमला से साधा कर्नाटक
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,बेंगलुरुThu, 18 May 2023 09:59 AM
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कर्नाटक में उलझा मुख्यमंत्री पद का पेंच अब सुलझने के आसार हैं। कांग्रेस जल्दी CM के तौर पर सिद्धारमैया के नाम की घोषणा कर सकती है। वहीं, डीके शिवकुमार उनके डिप्टी बनाए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। 4 दिनों के भारी मंथन के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है, जहां बड़ी घोषणा संभव है।

कैसे माने शिवकुमार
खबरें थीं कि कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख शिवकुमार सीएम के अलावा किसी भी पद पर राजी नहीं थे। अब एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि सोनिया के कहने पर शिवकुमार डिप्टी सीएम बनने के लिए तैयार हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शिमला में मौजूद पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शिवकुमार से बात की थी, जिसके बाद उन्होंने सिद्धारमैया के साथ मिलकर काम करने में हामी भर दी।

एक अन्य रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी का 20 मई को दिल्ली लौटने वाली थीं, लेकिन अगर दोनों नेताओं के बीच मुद्दे नहीं सुलझता तो वह समय से पहले लौट सकती थीं।

शनिवार को राजधानी बेंगलुरु में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। कांग्रेस का कहना है कि इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य बड़े नेताओं को न्योता भेजा जा सकता है। ऐसे में भारी संभावनाएं हैं कि शपथ ग्रहण समारोह 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के शक्ति प्रदर्शन का गवाह बन सकता है। हालांकि, इसे लेकर भी पार्टी ने अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं की है।

राहुल से खड़गे तक मंथन में जुटे
चार दिनों के दौरान दिल्ली में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर कर्नाटक कांग्रेस समेत कई वरिष्ठ नेताओं की भीड़ जुटी रही। इसमें पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और रणदीप सुरजेवाला भी शामिल हुए थे। एक ओर जहां सिद्धारमैया बड़े जन नेता माने जाते हैं और 2018 में कार्यकाल भी पूरा कर चुके हैं। वहीं, शिवकुमार संगठन स्तर पर काम करने के लिए मशहूर हैं। साथ ही उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता है।

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