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CAA विरोधियों को BJP की चुनौती- बताओ कितने भारतीय, कैसे होंगे इस कानून से प्रभावित?

नागरिकता संशोधन कानून पर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी ने विरोधियों को चुनौती दी है। बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले लोगों पर हमला बोला है और पूछा...

CAA विरोधियों को BJP की चुनौती- बताओ कितने भारतीय, कैसे होंगे इस कानून से प्रभावित?
लाइव हिन्दुस्तान टीम,बेंगलुरुWed, 19 Feb 2020 01:22 PM
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नागरिकता संशोधन कानून पर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी ने विरोधियों को चुनौती दी है। बीजेपी की कर्नाटक इकाई ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले लोगों पर हमला बोला है और पूछा है कि वे बताएं कि इस कानून से कितने भारतीय प्रभावित होंगे। साथ ही यह चुनौती दी है कि विरोधी एक भी नाम उन्हें नहीं बता पाएंगे जो इस कानून से प्रभावित होंगे। बता दें कि सीएए को लेकर दिल्ली के शाहीनबाग से लेकर तमिलनाडु, चेन्नई और बेंगलुरु में लगातार विरोध-प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। 

कर्नाटक बीजेपी ने ट्विटर हैंडल से सीएए विरोधियों पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, 'प्रिय सीएए के विरोधियों, कृपया उन भारतीय नागरिकों की सूची प्रस्तुत करें जो इस मानवतावादी कानून से प्रभावित होंगे। साथ ही, यह भी बताएं कि वे कैसे इससे प्रभावित होंगे। हम चुनौती देते हैं कि आप एक सिंगल नाम तक उपलब्ध नहीं करवा पाएंगे।'

बता दें कि बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले साल नागरिकता संशोधन कानून पास किया है। तभी से इसके खिलाफ में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। सबसे ज्यादा प्रदर्शन दिल्ली के शाहीनबाग में देखने को मिल रहा है, जहां प्रदर्शनकारियों ने 55 से अधिक दिनों कालिंदीकुंज मार्ग बंद कर रखा है।  

नागरिक संशोधन बिल कानून के तहत पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न के चलते आए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता मिलने का प्रावधान है। बता दें कि इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। 

विरोध की मुख्य वजह है है इसमें मुसलमानों का न होना। इसमें मुसलमान को बाहर रखा गया है। प्रदर्शनकारियों का ऐतराज इसी बात को लेकर है कि नागरिकता संशोधन कानून में मुसलमानों को अलग क्यों रखा गया है।

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