कर्नाटक में एक बार फिर मुख्यमंत्री बदले जा सकते हैं। जी हां, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का शीर्ष नेतृत्व एक बार फिर राज्य में सीएम बदलने पर विचार कर रहा है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा पार्टी चुनाव से पहले यह बड़ा बदलाव करना चाहती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बीजेपी नेतृत्व राज्य की मौजूदा बसवाराज बोम्मई सरकार के प्रदर्शन से नाखुश है। हालांकि, पार्टी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में व्यस्त है, ऐसे में इस बात की संभावना है कि चुनाव नतीजों के बाद इसपर कुछ फैसला लिया जा सकता है।
बोम्मई सरकार के प्रदर्शन से नाखुश बीजेपी
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व कर्नाटक के उप-चुनावों और स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर बोम्मई सरकार से नाखुश है। खुद सीएम के विधानसभा क्षेत्र हनागल में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था। इस हार की वजह से पार्टी 2023 में होने वाले चुनावों को लेकर चिंतित है। यह भी कहा जा रहा है कि राज्य के कई मंत्री और विधायक भी सीएम बोम्मई से नाराज चल रहे हैं।
युवा चेहरे की तलाश
बताया जा रहा है कि राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को अपने नए सीएम के लिए युवा चेहरे की तलाश है। पार्टी इसके लिए लिंगायत समुदाय से किसी बड़े चेहरे की तलाश में है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी इस शीर्ष पद के लिए किसी दलित चेहरे का चुनाव भी कर सकती है।
कैबिनेट में होगा बदलाव
सीएम का चेहरा बदलने के अलावा पार्टी राज्य कैबिनेट में भी बड़े बदलावों पर विचार कर रही है। कहा जा रहा है कि मौजूदा वरिष्ठ मंत्रियों केएस ईशवरप्पा, मुरुगेश निरानी, सीसी पाटिल और प्रभु चौहान जैसे मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। कैबिनेट में कई मंत्रियों के पद अभी रिक्त भी हैं और करीब 40 विधायक विभिन्न पदों के लिए अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में भी लगे हुए हैं। बीजेपी से जुड़े शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पार्टी आलाकमान राज्य में पहले सीएम के चेहरे को बदलेगा और फिर कैबिनेट में भी अहम बदलाव किये जाएंगे ताकि राज्य में पार्टी को मजबूती दी जा सके।
याद दिला दें कि पिछले साल जुलाई के महीने में बीएस येदियुरप्पा ने अपने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। जिसके बाद भाजपा ने बसवाराज बोम्मई को इस कुर्सी पर बैठाया था। उस वक्त कहा गया था कि बोम्मई, बीएस येदियुरप्पा के करीबी हैं और यहां तक कि उनका नाम खुद येदियुरप्पा ने ही पार्टी आलाकमान को सुझाया था।