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कर्नाटक:शोर-शराबे के बीच बिना फ्लोर टेस्ट विधानसभा कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, बीजेपी ने दी रातभर प्रदर्शन की धमकी

कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी...

Chief Minister of Karnataka HD Kumaraswamy in conversation with other members during the trust motion debate at Vidhana Soudha in Bengaluru on Thursday.(ANI photo)
1/ 2Chief Minister of Karnataka HD Kumaraswamy in conversation with other members during the trust motion debate at Vidhana Soudha in Bengaluru on Thursday.(ANI photo)
Karnataka Assembly Speaker KR Ramesh (File Pic)
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लाइव हिन्दुस्तान टीम,बेंगलुरु।Thu, 18 Jul 2019 09:14 PM
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कर्नाटक विधानसभा में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव पर बहस शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी गई है। सदन में इस प्रस्ताव पर बहस के दौरान दोनों पक्षों के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिली। 

विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्ण रेड्डी ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के सदस्यों की नारेबाज़ी की वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। कुमारस्वामी को अभी प्रस्ताव पर अपना भाषण देना है।

सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी के सदस्य रातभर सदन में ही रहेंगे और विश्वास प्रस्ताव पर फैसला हो जाने तक सदन में ही डटे रहेंगे।

येदियुरप्पा ने कहा, '' हम विश्वास प्रस्ताव पर फैसला होने तक रूके रहेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वास प्रस्ताव पर ठीक तरह से 15 मिनट भी चर्चा नहीं हुई है और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य अन्य मुद्दों को उठा रहे हैं ताकि विश्वास प्रस्ताव पर विलंब कराया जा सके। उन्होंने कहा, '' संवैधानिक रूपरेखा का उल्लंघन हुआ है। येदियुरप्पा ने कहा, '' इसका विरोध करने के लिए हम यहीं सोएंगे।

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इससे पहले कांग्रेस ने मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव को टालने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के सियासी संकट को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष जब तक व्हिप के मुद्दे पर फैसला नहीं कर लेते तब तक के लिये इसे अमल में न लाया जाए।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि मुंबई में ठहरे 15 बागी विधायक उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित हैं कि वे विधानसभा की कार्यवाही से दूर रह सकते हैं और विधानसभाध्यक्ष के आर रमेश से कहा कि वे कांग्रेस विधायक दल के नेता के तौर पर जारी व्हिप के भविष्य को लेकर कोई फैसला दें। सदन में विश्वास मत पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई सिद्धरमैया ने अध्यक्ष से कहा, 'अगर यह प्रस्ताव लिया जाता है तो यह संवैधानिक नहीं होगा। यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है। मैं आपसे इसे टालने का अनुरोध करता हूं। मैं इस व्यवस्था के विषय पर आपका फैसला चाहता हूं।'

सिद्धरमैया ने कहा कि अगर प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाता है तो इसका राज्य में संवैधानिक रूप से बनी सरकार पर असर होगा क्योंकि विश्वास मत के दौरान 15 विधायक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।  अध्यक्ष ने कहा कि वह महाधिवक्ता से परामर्श करेंगे और सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश के लिये स्थगित कर दिया। सिद्धरमैया ने कहा, 'यह (अदालत का आदेश) संविधान (दल बदल निरोधक कानून) की 10वीं अनुसूची के तहत व्हिप जारी करने के मेरे अधिकार में दखलंदाजी है।'

उन्होंने कहा, 'वे (बागी विधायक) उच्चतम न्यायालय के आदेश से प्रभावित हैं। अगर मैं व्हिप भी जारी करूं तो वो इस आदेश की वजह से नहीं आएंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास दो विकल्प हैं। पहला उच्चतम न्यायालय जाकर विधायक दल के नेता द्वारा जारी व्हिप की स्थिति पर स्पष्टीकरण लेना। दूसरा, अध्यक्ष से अनुरोध करना कि व्हिप पर फैसला लेने तक विश्वास मत के प्रस्ताव को टाल दें। 

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