बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह मुंबई जाने की इच्छा नहीं रखती हैं क्योंकि उन्हें शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से अपनी जान और माल का खतरा है। अभिनेत्री ने आपराधिक मामलों और उसकी जांच को शिमला की अदालत में स्थानांतरित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है।
कंगना और उनकी बहन रंगोली द्वारा 24 फरवरी को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई थी। इसे अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। दोनों के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक मान्यताओं का अपमान करने के लिए अंबोली और बांद्रा पुलिस थानों में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं। अंधेरी के 66वें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष भी इसी आरोप में दोनों के खिलाफ मामला लंबित है। इसके अलावा, कंगना ने कवि और गीतकार जावेद अख्तर द्वारा अंधेरी की अदालत में उनके खिलाफ लंबित मानहानि के मुकदमे को भी स्थानांतरित करने की मांग की है।
वर्तमान में कंगना को गृह मंत्रालय द्वारा दी गई केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की वाई-प्लस श्रेणी सुरक्षा प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट के वकील नीरज शेखर के माध्यम से अभिनेत्री द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि यह स्पष्ट हो जाता है कि याचिकाकर्ताओं को जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा है। अगर मुकदमों की सुनवाई मुंबई से बाहर स्थानांतरित नहीं की जाती है, तो याचिकाकर्ताओं का जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
कंगना के वकील ने इसके लिए सितंबर 2020 में शिवसेना के नेतृत्व वाली बीएमसी द्वारा उनके पाली हिल बंगले को ध्वस्त करने का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत द्वारा उनके खिलाफ अपमानजनक बयान को भी उदाहरण के तौर पर पेश किया।
याचिका में कहा गया है, "महाराष्ट्र सरकार के इन कार्यों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि महाराष्ट्र सरकार ने यहां याचिकाकर्ताओं के खिलाफ गलत इरादा रखती है। याचिकाकर्ता अगर महाराष्ट्र जाते हैं तो शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार से उन्हें लगातार खतरा होगा।''
कंगना और उनकी बहन ने आपराधिक मामलों में दो एफआईआर और मुकदमों को महाराष्ट्र से हिमाचल प्रदेश स्थानांतरित करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 406 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का आह्वान किया है।
आपको बता दें कि कंगना के खिलाफ नफरत फैलाने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और अपने ट्वीट से धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए अंधेरी अदालत में मामला दर्ज किया गया था। एक ट्वीट में कंगना ने मुरादाबाद के नवाबगंज में डॉक्टरों की अगुवाई वाली एक मेडिकल टीम पर हमले की आलोचना की थी जो कोरोना ड्यूटी पर गई थी। मुनव्वर अली द्वारा उनके बाद के ट्वीट पर दूसरा आपराधिक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें कंगना ने कोरोना की स्थिति को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की थी।