परिपक्व, प्रबंधन विशेषज्ञ और सभी से तालमेल बैठाने वाले नेता हैं कमलनाथ
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ लेने जा रहे वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamalnath) लगभग चार दशक का सुदीर्घ राजनैतिक अनुभव रखने के साथ ही एक ऐसा नेता के रूप में विख्यात हैं,...
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ लेने जा रहे वरिष्ठ नेता कमलनाथ (Kamalnath) लगभग चार दशक का सुदीर्घ राजनैतिक अनुभव रखने के साथ ही एक ऐसा नेता के रूप में विख्यात हैं, जिन्होंने केंद्र की राजनीति के अलावा अंतरार्ष्ट्रीय मंचों पर भी भारत का प्रतिनिधित्व काफी मजबूती के साथ किया।
कमलनाथ परिपक्व, ठोस प्रशासनिक क्षमता, प्रबंधन विशेषज्ञ और सभी से तालमेल बिठाकर काम करने वाले वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वे लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसदों में शामिल हैं और उनके संसदीय ज्ञान और अनुभव की विरोधी दल के नेता भी सराहना करते हैं।
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अठारह नवंबर 1946 को उत्तरप्रदेश के कानपुर में जन्मे कमलनाथ राज्य के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का वर्षेों से प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं और वे नौ बार के सांसद हैं। केंद्र सरकार में अनेक महत्वपूर्ण दायित्वों को संभाल चुके कमलनाथ की प्रशासनिक दक्षता के सभी कायल हैं और देश विदेश के औद्योगिक जगत में भी उनकी खासी पैठ मानी जाती है।
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प्रसिद्ध दून स्कूल में शिक्षा हासिल करने वाले श्री कमलनाथ ने महाविद्यालयीन स्तर की शिक्षा कोलकाता के प्रसिद्ध सेंट जेवियर कॉलेज में हासिल की। वे वाणिज्य में स्नातक हैं। उनका विवाह 27 जनवरी 1973 को अलकानाथ के साथ हुआ और उनके दो पुत्र नकुल और बकुल हैं। कमलनाथ पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए वर्ष 198० में छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए। इसके बाद वे छिंदवाड़ा से ही 1984, 1989, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने गए। वे केंद्र सरकार में वस्त्र मंत्रालय, वन एवं पयार्वरण मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, केंद्रीय शहरी विकास और संसदीय कार्य विभाग संभाल चुके हैं।
वे कांग्रेस संगठन में भी अनेक दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। कमलनाथ ने दिवंगत नेता संजय गांधी के साथ भी काफी कार्य किया है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के अलावा सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी के साथ भी अनेक दायित्व निभाए हैं। देश के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधि के रूप में भी वे दर्जनों बार विदेश यात्रा कर चुके हैं। उनके पास सुदीर्घ संसदीय अनुभव है और वे सोलहवीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर का दायित्व भी निभा चुके हैं।
केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए इसी वर्ष 27 अप्रैल को कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व सौंपा और कांग्रेस ने पंद्रह वर्षों बाद मध्यप्रदेश में पार्टी की सरकार बनाने में सफलता हासिल कर ली है। अब राज्य के अठारहवें मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं।