ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News देशजस्टिस रंजन गोगोई ने 46वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शपथ ली-VIDEO

जस्टिस रंजन गोगोई ने 46वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शपथ ली-VIDEO

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली और मुकदमों के आवंटन की प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले न्यायाधीशों में शामिल न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश पद की...

Justice Ranjan Gogoi took Oath of CJI at Rashtrapati Bhawan (ANI Pic)
1/ 2Justice Ranjan Gogoi took Oath of CJI at Rashtrapati Bhawan (ANI Pic)
Justice Ranjan Gogoi takes over as the 42nd Chief justice of India on October 3. He will be the first CJI from the northeast. (Sonu Mehta/HT Photo)
2/ 2Justice Ranjan Gogoi takes over as the 42nd Chief justice of India on October 3. He will be the first CJI from the northeast. (Sonu Mehta/HT Photo)
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली।Wed, 03 Oct 2018 11:58 AM
ऐप पर पढ़ें

तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली और मुकदमों के आवंटन की प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले न्यायाधीशों में शामिल न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ ली। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने आज तीन अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति गोगोई को प्रधान न्यायाधीश पर की शपथ दिलायी। असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी और लोकपाल कानून के तहत लोकपाल संस्था की स्थापना जैसे विषयों पर सख्त रूख अपनाने वाले न्यायमूर्ति गोगोई करीब 13 महीने देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। 

न्यायमूर्ति गोगोई को न्यायिक प्रक्रिया और कार्यवाही के संदर्भ में एक सख्त न्यायाधीश के रूप में जाना जाता है। 

निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली को लेकर 12 जनवरी को न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर के नेतृत्व में प्रेस कॉन्फ्रेन्स करने वाले चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति गोगोई भी शामिल थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेन्स में न्यायाधीशों ने तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश पर कई आरोप लगाये थे। 

केरल में फरवरी, 2011 में एक ट्रेन में हुये सनसनीखेज सौम्या बलात्कार और हत्या के मामले में शीर्ष अदालत के निर्णय से असहमति व्यक्त करते हुये पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने तब सोशल मीडिया पर तल्ख़ टिप्पणियां कीं थीं। इसे लेकर न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने 11 नवंबर, 2016 को पूर्व सहयोगी न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू को अवमानना का नोटिस जारी करके सनसनी पैदा कर दी थी। 

यह पहला मौका था जब शीर्ष अदालत ने अपने ही पूर्व सदस्य के खिलाफ स्वत: अवमानना का नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति काटजू ने बाद में अपनी टिप्पणियों के लिये न्यायालय से क्षमा मांग ली थी जिसे स्वीकार करते हुये न्यायमूर्ति गोगोई की पीठ ने मामला खत्म कर दिया था।

New CJI Ranjan Gogoi after taking oath at Rashtrapati Bhawan (ANI Pic)

इसी तरह, असम के राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे के संबंध में मीडिया से बात करने पर इस काम से जुड़े अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुये न्यायमूर्ति गोगोई की पीठ ने उन्हें सख्त चेतावनी दी थी। 

शीर्ष अदालत के फैसले के बावजूद लोकपाल संस्था की स्थापना और लोकपाल की नियुक्ति में हो रहे विलंब को लेकर दायर अवमानना याचिका पर भी न्यायमूर्ति गोगोई की पीठ ने सख्त रूख अपना रखा है।

असम निवासी न्यायमूर्ति गोगोई की 23 अप्रैल, 2012 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर पदोन्नति हुई थी और 17 नवंबर, 2019 तक वह प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। 

असम के डिब्रूगढ़ में 18 नवंबर, 1954 को जन्मे रंजन गोगोई ने साल 1978 में वकालत शुरू की और 28 फरवरी, 2001 को उन्हें गौहाटी उच्च न्यायालय का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया। इसके बाद नौ सितंबर, 2010 का उनका तबादला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में किया गया और 12 फरवरी, 2011 को उन्हें इसी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

ये भी पढ़ें: CJI दीपक मिश्रा बोले- हमारी न्यायपालिका दुनिया में सबसे शक्तिशाली

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें