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तमिलनाडु: पिता-बेटे की हत्या की जांच सीबी-सीआईडी के जिम्मे, हाईकोर्ट ने कहा- मर्डर केस दर्ज करने के लिए सबूत मौजूद

मद्रास उच्च न्यायालय ने तूतिकोरिन में पुलिस की कथित यातना से पिता-पुत्र की मृत्यु के मामले में जांच मंगलवार (0 जून) को सीबी-सीआईडी ​​को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। अदालत ने आशंका जताई कि सीबीआई...

तमिलनाडु: पिता-बेटे की हत्या की जांच सीबी-सीआईडी के जिम्मे, हाईकोर्ट ने कहा- मर्डर केस दर्ज करने के लिए सबूत मौजूद
पीटीआई,मदुरैTue, 30 Jun 2020 08:41 PM
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मद्रास उच्च न्यायालय ने तूतिकोरिन में पुलिस की कथित यातना से पिता-पुत्र की मृत्यु के मामले में जांच मंगलवार (0 जून) को सीबी-सीआईडी ​​को स्थानांतरित करने का आदेश दिया। अदालत ने आशंका जताई कि सीबीआई द्वारा जांच का जिम्मा संभालने तक सबूत गायब हो सकते हैं। इस मामले में जांच का नेतृत्त्व सीबी-सीआईडी, तिरुनेलवेली ​​के उपाधीक्षक अनिल कुमार करेंगे।

राज्य सरकार ने सोमवार (29 जून) को मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दी थी। न्यायमूर्ति पी एन प्रकाश और न्यायमूर्ति बी पुगलेंधी की खंडपीठ ने कहा कि अदालत इस मामले को सीबी-सीआईडी ​​को सौंप रही है क्योंकि उसे डर है कि सीबीआई द्वारा जांच संभालने तक सबूत गायब हो सकते हैं।

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न्यायाधीशों का कहना है कि सीबी-सीआईडी ​​को मामले का तत्काल हस्तांतरण इसलिए किया गया ताकि जनता का विश्वास खत्म न हो जाए। पीठ ने अंतरिम व्यवस्था पर राज्य सरकार से राय मांगी, लेकिन मामले को सीबी-सीआईडी ​​को हस्तांतरित कर दिया। पीठ ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट (प्रारंभिक) और न्यायिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में इस मामले में हत्या का मामला दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री मौजूद है।

अदालत ने कहा कि मामले की जांच में एक सेकेंड की भी देरी नहीं होनी चाहिए और सीबी-सीआईडी ​​को तुरंत जांच करने का निर्देश दिया। इस बीच, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समेत तीन पुलिसकर्मी अदालत में पेश हुए। अदालत ने उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच को कथित रूप से रोकने के लिए उन्हें अदालत में पेश होने के लिए कहा था। ऐसा आरोप है कि उनमें से एक कांस्टेबल ने कुछ 'अपमानजनक' टिप्पणियां की थी।

तूतीकोरिन के एडीएसपी डी कुमार, डीएसपी सी प्रतापन और सातनकुलम पुलिस थाने से जुड़े एक कांस्टेबल महाराजन अदालत में पेश हुए। कांस्टेबल ने अदालत को बताया कि वह काफी दवाब में थे और उन्होंने गलती से न्यायिक मजिस्ट्रेट के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी। पी जयराज और उसके बेटे फेनिक्स को अपनी मोबाइल फोन की दुकान समय सीमा के बाद खोलकर लॉकडाउन के नियमों का 'उल्लंघन' करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 23 जून को कोविलपट्टी के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। उनके रिश्तेदारों ने आरोप लगाए कि पुलिसकर्मियों ने सातनकुलम थाने में उनकी बुरी तरह की पिटाई की थी।

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