BJP के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर तीन राज्यों के चुनाव का जिम्मा
भाजपा में संगठन की पहली सीढ़ी से लेकर कार्यकारी अध्यक्ष तक पहुंचे जेपी नड्डा के सामने संगठन के साथ तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव की भी अहम जिम्मेदारी होगी। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मिलकर...
भाजपा में संगठन की पहली सीढ़ी से लेकर कार्यकारी अध्यक्ष तक पहुंचे जेपी नड्डा के सामने संगठन के साथ तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव की भी अहम जिम्मेदारी होगी। वे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन इस दौरान उनकी क्षमता को भी कसौटी पर कसा जाएगा। भाजपा में यह पहला मौका होगा जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष भी काम करेगा। हालांकि इससे नड्डा के संगठन चुनाव बाद नए अध्यक्ष चुने जाने के आसार बढ़ गए हैं।
संगठन चुनाव से आएगा नया अध्यक्ष
भाजपा के सामने एक विकल्प यह भी था कि वह किसी नेता को नया अध्यक्ष नियुक्त कर सकती था, लेकिन ऐसा करने में उसके नाम पर राष्ट्रीय परिषद की मुहर लगवाना जरूरी होता। चूंकि शाह का कार्यकाल पूरा हो चुका है, ऐसे में नया अध्यक्ष चुना जाना है। इसलिए दुविधा से बचने के लिए पार्टी ने संगठन चुनाव के जरिए ही नया अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया।
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संगठन व सरकार का व्यापक अनुभव
इस बात के संकेत हैं कि संगठन चुनाव में नड्डा को ही नया अध्यक्ष चुन लिया जाए। हालांकि नड्डा की अग्नि परीक्षा तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव होंगे। शाह भले ही अध्यक्ष हों, लेकिन इनमें नड्डा की सांगठनिक कौशल की परीक्षा भी होगी। चूंकि नड्डा को संगठन का व्यापक अनुभव है, इसलिए उनके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगी।
31 की उम्र में भाजयुमो के अध्यक्ष बने
मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के रहने वाले 59 साल के जेपी नड्डा ने 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत पटना से की। नड्डा ने अपने कुशल संगठनकर्ता के गुण 1989 के लोकसभा चुनाव में ही दिखा दिए थे। इसके बाद वे महज 31 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। बाद में हिमाचल प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हुए। वे 2007 में प्रेम कुमार धूमल की सरकार में वन-पर्यावरण, विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग के मंत्री बनाए गए।
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पार्टी के महासचिव बने
कई साल प्रदेश की राजनीति करने के बाद नड्डा 2012 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे। नितिन गडकरी जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब उन्होंने नड्डा को अपनी टीम में शामिल किया था। उस वक्त वह भाजपा के महासचिव बने थे।
जेपी नड्डा
1960 में 2 दिसंबर को पटना में जन्म हुआ।
1991 में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए।
1993 में पहली बार विधायक चुने गए।
2012 में राज्यसभा के सदस्य बने।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जेपी नड्डा पार्टी के मेहनती कार्यकर्ता हैं। वे कड़े श्रम और संगठन क्षमता के कारण ऊंचाई तक पहुंचे हैं। वे विनम्र और मिलनसार हैं। भाजपा परिवार में उनका काफी आदर है। मैं उन्हें पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई देता हूं।