झारखंड भाजपा के हाथ से निकला, दूसरी बार हेमंत सोरेन संभालेंगे CM की कमान
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी को सोमवार को हुई मतगणना में करारी हार मिली। राज्य में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को बहुमत मिल गया है। झारखंड मुक्ति...

झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ भाजपा को बड़ा झटका लगा है। पार्टी को सोमवार को हुई मतगणना में करारी हार मिली। राज्य में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को बहुमत मिल गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
कई मंत्री, स्पीकर हारे : मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ व विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं, तीन प्रमुख मंत्री भी चुनाव हार गए, जबकि सात को जीत मिली। कोल्हान में वर्ष 2014 में 14 में से पांच सीट जीतने वाली भाजपा इस बार अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
मत प्रतिशत घटा : इसी साल लोकसभा में राज्य में 51 फीसदी वोट पाने वाली भाजपा को विधानसभा चुनाव में 33.4 फीसदी मत मिले।
दस महिलाएं जीतीं : चुनावी जंग में दस महिलाओं ने भी जीत दर्ज की है, जिसमें छह पहली बार जीत कर पहुंची हैं। वहीं चुनाव जीतने वालों में 41 फीसदी युवा चेहरे हैं। झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान हुआ था।
पांचवीं बार सत्ता : झारखंड के 19 साल के इतिहास में सोरन परिवार पांचवी बार सत्ता में आया है। शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। जबकि उनके बेटे युवा आदिवासी नेता हेमंत सोरेन राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री की कमान संभालेंगे। इससे पहले वे वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री बने थे।
रघुवर का इस्तीफा : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 23 दिसंबर की शाम को राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया। पार्टी को मिली पराजय पर रघुवर दास ने कहा कि यह पार्टी की नहीं बल्कि मेरी व्यक्तिगत हार है।
किसने क्या कहा:
राज्य की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है। लोगों को भरोसा दिलाता हूं कि किसी की उम्मीद नहीं टूटेगी, सबका ख्याल रखा जाएगा। (हेमंत सोरेन, नेता, जेएमएम)
चुनाव में जीत के लिए जेएमएम गठबंधन को बधाई। राज्य की सेवा करने के लिए हेमंत सोरेन को शुभकामनाएं। (नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री)
झारखंड में गठबंधन की निर्णायक जीत पर पार्टी और हमारे गठबंधन सहयोगियों, कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई। (राहुल गांधी, नेता, कांग्रेस)
भाजपा की हार, गठबंधन की जीत के छह कारण
1. भाजपा और आजसू का गठबंधन चुनाव से पहले टूट जाना
2. दलित और पिछड़े मतदाताओं को साध नहीं पाई भाजपा
3. सरकार की नीतियों से आदिवासी समाज में नाराजगी
4. जेएमएम का कांग्रेस व राजद से गठबंधन का फैसला सही रहा
5. जेएमएम गठबंधन ने समय रहते सीटों का बंटवारा भी किया
6. विपक्षी दलों ने प्रचार के लिए स्थानीय मुद्दों को उठाया।
अब अगली चुनौती दिल्ली और बिहार में
भाजपा के सामने अगले साल के शुरुआत में दिल्ली और आखिर में बिहार के चुनाव में चुनौती होगी। झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में इन नतीजों का असर देखने को मिल सकता है। दिल्ली में भाजपा बीस साल से सत्ता से बाहर है। आम आदमी पार्टी से मुकाबले के लिए नेतृत्व और रणनीति दोनों पर काम करना होगा।
तीन बड़े चेहरे
हेमंत सोरेन दोनों जगह जीते
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष 44 वर्षीय हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दो सीटों से जीत दर्ज की है। बरहेट में उन्होंने भाजपा के सीमोन और दुमका में भाजपा की लुईस मरांडी को हराया।
रघुवर दास सरयू राय से हारे
24 साल से लगातार जीत रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्व में भाजपा के बागी व निर्दलीय सरयू राय से हार गए। राय ने उन्हें 15833 मतों से हराया।
बाबूलाल मरांडी नेे जीत दर्ज की
2014 में दो सीटों पर हारने वाले पूर्व मुख्यमंत्री व जेवीएम नेता बाबूलाल मरांडी इस बार धनवार से जीत गए हैं। मरांडी 13 साल पहले भाजपा से अलग हुए थे।
किसे कितनी सीटें मिलीं
जेएमएम+ को 47 : जेएमएम 30 (+11), कांग्रेस 16 (+10), राजद 01 (+01)
भाजपा को 25 (-12)
* मुख्यमंत्री रघुवर दास अपनी सीट नहीं बचा सके
* लोकसभा चुनाव से 18 फीसदी वोट कम मिले
अन्य 09 : झाविमो 03 (-05), आजसू 02 (-03), अन्य को 04