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झारखंड चुनाव के नतीजे: जानें कैसे संताल की तीन सीटों पर बढ़त से महागठबंधन को मिली मजबूती

झारखंड के संताल परगना क्षेत्र में भाजपा और महागठबंधन में कांटे की टक्कर दिखी। कई सीटों पर मुकाबला पल में तोला पल में माशा की तरह रहा। हालांकि, इस मुकाबले में बढ़त महागठबंधन को मिलती दिख रही है। दोपहर...

झारखंड चुनाव के नतीजे: जानें कैसे संताल की तीन सीटों पर बढ़त से महागठबंधन को मिली मजबूती
रंजीत प्रसाद सिंह,धनबादMon, 23 Dec 2019 09:40 PM
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झारखंड के संताल परगना क्षेत्र में भाजपा और महागठबंधन में कांटे की टक्कर दिखी। कई सीटों पर मुकाबला पल में तोला पल में माशा की तरह रहा। हालांकि, इस मुकाबले में बढ़त महागठबंधन को मिलती दिख रही है। दोपहर दो बजे तक मिले रुझानों के अनुसार भाजपा 18 में से पांच सीटों पर आगे थी, पिछले विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा सात था। यदि सारठ के रणधीर सिंह की सीट भी जोड़ दी जाए जो झाविमो से जीतकर भाजपा में शामिल हो गए थे, तो यह आंकड़ा आठ का था। यानी इस चुनाव में संताल में भाजपा को दो सीटों का नुकसान हो रहा है, वहीं महागठबंधन जो वर्ष 2014 में नौ सीटों पर आगे थी, इस बार 12 सीटों पर बढ़त लिए हुए दिख रही है। 

महागठबंधन खेमे के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट दोनों सीटों पर जीतते दिख रहे हैं। झामुमो ने अपने पिछले प्रदर्शन को सुधारते हुए छह सीटों को आठ तक पहुंचाया है। संताल परगना की 18 सीटों में 16 सीटों में पांचवें यानी आखिरी चरण में मतदान हुआ था। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो-दो सभाएं हुईं और कांग्रेस की ओर से राहुल की दो और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की भी सभा हुई। प्रचार के आखिरी दिन हुए प्रियंका की सभा में महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत का प्रदर्शन किया था। हेमंत सोरेन, तेजस्वी ने भी सैकड़ों सभाएं कीं।

पाकुड़ में आजसू से चुनाव लड़ रहे अकील अख्तर ने भी कांग्रेस के वर्तमान विधायक आलमगीर आलम की मुश्किलें थोड़ी बढ़ाईं, लेकिन बावजूद आलमगीर आलम ने बाद के चरणों में अपनी बढ़त को मजबूत किया। झामुमो से सीता सोरेन भाजपा के सुरेश मुर्मू से जीत गई हैं। यह सीट झामुमो की परंपरागत सीटों में से एक है। सीता सोरेन हेमंत सोरेन के बड़े भाई की पत्नी हैं।

भाजपा को जामा के अलावा जरमुंडी में फायदा होता दिख रहा है और देवेंद्र कंवर कांग्रेस के वर्तमान विधायक बादल से आगे चल रहे हैं। सारठ में पिछली बार झाविमो ने जीत दर्ज की थी। लेकिन झाविमो से जीते रणधीर सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए और मंत्री बन गए। इस तरह से यह सीट भाजपा की ही है और वह इसे बरकरार रखती दिख रही है। देखा जाए तो भाजपा संताल में बोरियो, गोड्डा और देवघर में हुए नुकसान की भरपाई जामा, जरमुंडी और सारठ से कर ले रही है। सबसे नुकसान में झाविमो है, जो सारठ सीट गंवा रही है। हालांकि पोड़ैयाहाट से उसके वर्तमान विधायक प्रदीप यादव अपनी सीट बरकरार रखते दिखाई दे रहे हैं।

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