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इंदिरा गांधी की शह पर मजबूत होता गया भिंडरावाले, ऑपरेशन ब्लू स्टार के कमांडिंग ऑफिसर ने खोले राज

उन्होंने कहा कि उस समय पंजाब में बेरोजगारी अधिक थी। युवाओं के पास नौकरियां नहीं थीं। युवा अपनी मोटरसाइकिल में पिस्तौल लेकर घूमते थे। मिनी गैंगस्टर भी थे। भिंडरावाले का राज्य पर पूरा नियंत्रण था।

इंदिरा गांधी की शह पर मजबूत होता गया भिंडरावाले, ऑपरेशन ब्लू स्टार के कमांडिंग ऑफिसर ने खोले राज
Madan Tiwariएएनआई,नई दिल्लीMon, 30 Jan 2023 11:50 PM
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ऑपरेशन ब्लू स्टार में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) कुलदीप सिंह बराड़ ने कई अहम राज खोले हैं। उन्होंने कहा है कि पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन फिर से उठ रहा है और पड़ोसी देश पाकिस्तान का इसको समर्थन हासिल है। लेफ्टिनेंट जनरल बराड़ साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध व बांग्लादेश की मुक्ति युद्ध में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वह ऑपरेशन ब्लू स्टार के कमांडिंग ऑफिसर भी थे, जिसकी वजह से खालिस्तानी आतंकियों की हिटलिस्ट में रहे। उन पर 10 साल पहले लंदन में जानलेवा हमला भी हुआ, जिसमें वे बाल-बाल बच गए। कुलदीप बराड़ ने यह भी बताया है कि इंदिरा गांधी की शह पर जरनैल सिंह भिंडरावाले बहुत मजबूत हो गया था। उसके बाद जब वह बेलगाम हो गया तो ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया गया। हालांकि, तब तक तो बहुत लेट हो चुका है। भिंडरावाले एक कल्ट बन चुका था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, अकाली जैसी पार्टियां राजनीति में लगी थीं। यह सही बात है कि राजनीतिक दलों ने भिंडरावाले का कल्ट बनने दिया।

लेफ्टिनेंट जनरल बराड़ ने कहा, ''1980 के दशक में पंजाब में हालात बहुत खराब थे। कानून और व्यवस्था बिल्कुल भी नहीं थी। पुलिस एक निष्क्रिय शक्ति बन गई थी। जरनैल सिंह भिंडरावाले को बहुत लोग स्वीकार करते थे। वह रोडे नामक गांव में रहता और उपदेश देता। इसके बाद पंजाब का पतन होने लगा और वह एक शक्तिशाली व्यक्ति बन गया। वहां हत्याएं की जा रही थीं, तस्करी और बैंकों को लूटा जा रहा था।'' उन्होंने कहा कि उस समय कानून और व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी और भिंडरावाला काफी ताकतवर बन गया। बराड़ ने कहा, "एक डीआईजी को मार डाला गया और स्वर्ण मंदिर से बाहर फेंक दिया गया। पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करने से भी डर रही थी। क्योंकि भिंडरावाले फ्रेंकस्टीन की तरह हो गया था।"

पंजाब पर भिंडरावाले का था पूरा नियंत्रण
न्यूज एजेंसी एएनआई के पॉडकास्ट में बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल बराड़ ने बताया कि 1984 की शुरुआत में भावनाएं इतनी प्रबल थीं कि वह खालिस्तान को एक अलग देश घोषित करने जा रहा था। उन्होंने आंदोलन के पीछे युवाओं में बेरोजगारी को भी एक प्रमुख कारण बताया। लेफ्टिनेंट जनरल बराड़ ने कहा, ''फिर खालिस्तान को लेकर आंदोलन शुरू हुआ। उस समय पंजाब में बेरोजगारी अधिक थी। युवाओं के पास नौकरियां नहीं थीं।  युवा अपनी मोटरसाइकिल में पिस्तौल लेकर घूमते थे। मिनी गैंगस्टर भी थे। भिंडरावाले का राज्य पर पूरा नियंत्रण था।"

'पाकिस्तान खालिस्तानी आंदोलन को दे रहा बढ़ावा'
खालिस्तानी आंदोलन के फिर से उठने की कोशिशों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह भयानक है। मैं ब्रिटेन जाता हूं, मैं साउथहॉल जाता हूं... मुझे हर जगह भिंडरावाले की तस्वीर दिखाई देती है। हमारे प्रवासी भारतीयों को क्या हुआ जो विदेश चले गए हैं?'' पंजाब में खालिस्तानी आंदोलन के मौजूदा परिदृश्य पर उन्होंने बताया, "हां, पंजाब में आंदोलन का पुनरुत्थान हो रहा है। पाकिस्तान भी उनकी मदद कर रहा है। लंदन, कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान सभी मिलकर यहां पुनरुत्थान चाहते हैं।" भिंडरावाले सिख धार्मिक संप्रदाय दमदमी टकसाल का प्रमुख था। स्वर्ण मंदिर परिसर में भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान वह अपने अन्य फॉलोवर्स के साथ मारा गया था। बता दें कि भारतीय सेना ने 1 जून से 8 जून के बीच 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने जरनैल सिंह भिंडरावाले सहित सिख आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए सैन्य अभियान का आदेश दिया था, जो स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर हथियार के साथ थे।

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