भारत-चीन के LAC तनाव पर बोला जपान- ड्रैगन का एकतरफा प्रयास गलत है
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज लेह का औचक दौरा किया। इधर, जापानी राजदूत सतोशी सुजुकी ने शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिकों...
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज लेह का औचक दौरा किया। इधर, जापानी राजदूत सतोशी सुजुकी ने शुक्रवार को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक महीने पुराने तनाव सीमा गतिरोध की पृष्ठभूमि पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि जापान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "स्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास" का विरोध करता है। सुजुकी ने भारत के विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला से बातचीत के बाद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट में यह टिप्पणी की।
यह टिप्पणी उन्होंने भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तरों पर कई बैठकों के मद्देनजर की। सुजुकी ने मई के शुरू में सार्वजनिक होने वाले गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन किया। सुजुकी ने लिखा- एफएस श्रृंगला से अच्छी बात हुई। शांतिपूर्ण समाधान को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की नीति सहित LAC की स्थिति पर उनकी जानकारी की सराहना करता हूं। जापान संवादों के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद भी करता है। जापान यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। बता दें कि इससे पहले 19 जून को, सुज़ुकी ने एक ट्वीट में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी।
Had a good talk with FS Shringla. Appreciated his briefing on the situation along LAC, including GOI’s policy to pursue peaceful resolution. Japan also hopes for peaceful resolution through dialogues. Japan opposes any unilateral attempts to change the status quo.
— Satoshi Suzuki (@EOJinIndia) July 3, 2020
गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में एलएसी पर करीब दो महीने से टकराव के हालात बने हुए हैं। छह जून को हालांकि दोनों सेनाओं में पीछे हटने पर सहमति बन गई थी लेकिन चीन उसका क्रियान्वयन नहीं कर रहा है। इसके चलते 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच खूनी झड़प भी हो चुकी है। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए। वही चीनी सेना में 43 से अधिक सैनिकों के मारे जाने की खबर लगी। इसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई है तथा 22 जून को सैन्य कमांडरों ने भी मैराथन बैठक की है। हर बार सहमति बनती है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं दिखाई देता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैनिकों से मिलने और स्थिति से अवगत होने के लिए लद्दाख क्षेत्र का दौरा किया।