'कश्मीर में जल्द हटेंगी पाबंदियां, सीएए पर अमल न करना संविधान का अपमान'
भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार (11 जनवरी) को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। इस केंद्र-शासित प्रदेश में हालात अब देश के किसी अन्य हिस्से की तरह ही हैं। उनका...
भाजपा महासचिव राम माधव ने शनिवार (11 जनवरी) को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं। इस केंद्र-शासित प्रदेश में हालात अब देश के किसी अन्य हिस्से की तरह ही हैं। उनका यह बयान उच्चतम न्यायालय की ओर से जम्मू-कश्मीर प्रशासन को हफ्ते भर में क्षेत्र में लागू प्रतिबंधों की समीक्षा करने का निर्देश देने के एक दिन बाद आया है।
वडोदरा में राम माधव ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में दो मुख्य पाबंदियां लगाई गई थीं। पहली, इंटरनेट सेवा के इस्तेमाल पर। यह सेवा जल्द बहाल होने जा रही है। कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया था। सरकार चरणबद्ध तरीके से 20 से 25 नेताओं को रिहा करेगी।’ राम माधव ने दावा किया कि मोदी सरकार ने देश के सुदूरवर्ती इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों से नक्सलियों का सफलतापूर्वक सफाया कर दिया है, लेकिन शहरी अथवा श्वेतवस्त्रधारी नक्सली अब भी सक्रिय हैं।
सीएए पर अमल न करना संविधान का अपमान : राम माधव
भाजपा महासचिव ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को देश भर में लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। सीएए अब भारतीय संविधान का हिस्सा है। अगर कुछ राज्यों के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वे इस कानून को अपने यहां लागू नहीं करेंगे तो वे संविधान का अपमान कर रहे हैं। अगले चुनाव में जनता को उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।’
नजरबंद नेताओं की रिहाई करने की मांग
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद-370 के निष्प्रभावी होने के बाद हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा करने और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक गतिविधियां बहाल करने की शनिवार को मांग की। पार्टी ने साफ किया कि वह अपने नेताओं की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्र के साथ किसी समझौते पर काम नहीं कर रही है। एनसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला सहित नजरबंद किए गए पार्टी के सभी नेता कभी कश्मीर नहीं छोड़ेंगे।