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लोकसभा में पास हुआ जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन विधेयक, जानिए नए कानून से क्या आएगा बदलाव

लोकसभा में आज जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पास हो गया। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पास हो चुकी है। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर...

लोकसभा में पास हुआ जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन संशोधन विधेयक, जानिए नए कानून से क्या आएगा बदलाव
हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Sat, 13 Feb 2021 05:30 PM
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लोकसभा में आज जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पास हो गया। यह विधेयक राज्यसभा से पहले ही पास हो चुकी है। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, मौजूदा जम्मू कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा के अधिकारी अब अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा होंगे। पिछले महीने केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) अध्यादेश लेकर आई थी, ये विधेयक उसी का स्थान लेगा।

इस विधेयक के पास होने के बाद लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा, "इस विधेयक से राज्य के अधिकारियों को दूसरी जगह जाकर सेवा करने का मौका मिलेगा और दूसरी जगह से अधिकारियों को आकर राज्य में सेवा करने का मौका मिलेगा। इससे अनुभव और कार्य करने की क्षमता भी बढ़ेगी।"

लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास हुआ इससे राज्य के अधिकारियों को दूसरी जगह जाकर सेवा करने का मौका मिलेगा और दूसरी जगह से अधिकारियों को आकर राज्य में सेवा करने का मौका मिलेगा। इससे अनुभव और कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी: जामयांग सेरिंग नामग्याल, लद्दाख सांसद https://t.co/oSeqddzEHF pic.twitter.com/3cgSUiaVyq

— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2021

हालांकि सदन में इस विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और लोकसभा मे इस विधेयक को लेकर खूब चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा करते हुए कई सवालों के जवाब भी दिए। साथ ही उन्होंने कश्मीर में 70 सालों तक शासन करने वाली पार्टियों को घेरा तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा। 

विधेयक के सदन में पेश होते ही विपक्षी दलों ने कहा कि इस विधेयक से साफ होता है कि मोदी सरकार अब जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देगी। इस पर जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कि इस विधेयक में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ''मैं फिर से कहता हूं कि इस विधेयक का जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया जाएगा।" 

इसके आलावा उन्होंने यह भी कहा, ''मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें। राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें, जिससे जनता गुमराह हो। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा हम न बनाएं। बहुत सारी चीजें हैं राजनीति करने के लिए। मगर ये देश का संवेदनशील हिस्सा है, उनको कई घाव लगे हैं और उनको मरहम लगाना हमारा काम है।''

इसके अलावा शाह ने भी विपक्ष पर निशाना साधा और बोले, ''यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उनका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा लेकिन पूछना चाहता हूं कि अभी तो अनुच्छेद 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?'' शाह ने कहा कि तीन परिवार के लोग ही वहां शासन करें, इसलिये अनुच्छेद 370 पर जोर दिया गया। उन्होंने सवाल किया कि जिन्हें पीढ़ियों तक देश में शासन करने का मौका मिला, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें, क्या आप हमसे 17 महीने का हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

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