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'अफसरों को करेंगे टारगेट', जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण अभियान को लेकर TRF की धमकी

मालूम हो कि टीआरएफ 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था, जो यूएपीए के तहत पहली अनुसूची के क्रम संख्या-5 में सूचीबद्ध एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है।

'अफसरों को करेंगे टारगेट', जम्मू-कश्मीर में अतिक्रमण अभियान को लेकर TRF की धमकी
Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,श्रीनगरMon, 06 Feb 2023 12:51 AM

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जम्मू-कश्मीर में चल रहे अतिक्रमण अभियान को लेकर आतंकी संगठन TRF ने धमकी दी है। संगठन का कहना है कि इन बुलडोजरों-जेसीबी के मालिक या ड्राइवर को निशाना बनाया जाएगा, उनकी हत्या कर दी जाएगी। टीआरएफ की ओर से जारी धमकी भरे पत्र में कहा गया, 'राजस्व विभाग में चपरासी से लेकर लिपिक, पटवारी, नायब तहसीलदार या डीसी... जो भी इस डिपोर्टमेंट में काम कर रहे हैं, उनकी टारगेट किलिंग होगी। हमने अपने लड़ाकों को पहले ही देशद्रोहियों के खात्मे के लिए हरी झंडी दी हुई है। अब इस अभियान में शामिल अफसरों को टारगेट किया जाएगा और उनकी हत्या कर दी जाएगी।'

द रेजिस्टेंस फोर्स ने धमकी भरे पत्र में आगे कहा कि हमारे लड़ाके अतिक्रमण-रोधी अभियान में शामिल कर्मचारियों की संपत्तियों को निशाना बनाएंगे। इन देशद्रोहियों को सोने नहीं दिया जाएगा। हमारे लड़ाकों की तलवारें हमेशा अफसरों के सिर पर होंगी। साथ ही उनके परिवार के लोग भी टारगेट पर रहेंगे। इस दौरान अच्छे कर्मचारी और बुरे कर्मचारी के बीच कोई अंतर नहीं किया जाएगा। इस अभियान में जो लोग भी शामिल हैं, वे हमारे लड़ाकों की बंदूकों के निशाने पर होंगे।

TRF पर पिछले महीने ही लगा था प्रतिबंध
टीआरएफ ने पिछले महीने ही कश्मीरी पंडितों के खिलाफ नई हिट-लिस्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस टेरर आउटफिट ने उन लोगों पर हमले करने की वॉर्निंग दी जिनके नाम इस सूची में हैं। मालूम हो कि भारत सरकार ने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के सहयोग से चलने वाले संगठन टीआरएफ पर पिछले महीने ही प्रतिबंध लगाया था। साथ ही लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ ​​अबू खुबैब को भी सरकार ने आतंकी घोषित कर दिया। गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की पहली अनुसूची के तहत TRF पर प्रतिबंध लगाया है। अब लश्कर के साथ-साथ प्रतिबंधित संगठन की सूची में टीआरएफ का नाम भी जोड़ा गया है। 

टीआरएफ जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ सालों से कश्मीरी पंडितों, प्रवासी श्रमिकों के साथ कश्मीर में सुरक्षा बलों सहित नागरिकों पर अधिकांश हमलों के पीछे रहा है। यह 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया था, जो यूएपीए के तहत पहली अनुसूची के क्रम संख्या-5 में सूचीबद्ध एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है। बताया गया है कि टीआरएफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए कश्मीरी युवाओं को ऑनलाइन माध्यम से भर्ती करता था। साथ ही यह संगठन सीमा पार से हथियारों और मादक पदार्थ की तस्करी में भी शामिल रहा है।

अभियान के बीच प्रशासन ने दिलाया यह भरोसा
वहीं, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि जम्मू जिले में जारी अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान उन घरों और दुकानों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, जिन पर परिवारों की आजीविका निर्भर करती है। जम्मू शहर के अपर-नरवाल सुंजुवान इलके में अतिक्रमण-रोधी अभियान के खिलाफ लोगों की ओर से पथराव किए जाने की घटना के एक दिन बाद यह बयान आया। इस घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था। जम्मू की उपायुक्त अवनी लवासा ने कहा, 'मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहती हूं कि जम्मू में अतिक्रमण-रोधी अभियान के दौरान ऐसे किसी घर या छोटी व्यावसायिक दुकानों का वितरण नहीं किया जाएगा जिन पर परिवारों की आजीविका निर्भर है।'

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