जम्मू-कश्मीर में पाबंदी के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा, फारूख अब्दुल्ला को सदन में बुलाने की मांग
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई और जम्मू-कश्मीर में लगातार पाबंदियों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार (19 नवंबर) को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के...
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई और जम्मू-कश्मीर में लगातार पाबंदियों को लेकर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार (19 नवंबर) को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसी बीच वाम, कांग्रेस और अन्य दलों के सदस्यों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि का विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर सोमवार (18 नवंबर) को हुई पुलिस की कथित कार्रवाई और पांच अगस्त को जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से वहां लगातार जारी पाबंदियों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया।
सभापति ने बोलने की अनुमति नहीं दी : नायडू ने कहा कि उन्हें सदस्यों के पास से तीन कार्य स्थगन नोटिस मिले हैं, लेकिन उन्होंने वे नोटिस स्वीकार नहीं किये। नोटिस अस्वीकार किए जाने की बात सुनकर वाम सदस्यों व कांग्रेस सदस्यों ने कुछ कहना चाहा, लेकिन उन्हें सभापति ने अनुमति नहीं दी।
नायडू ने आगाह किया
सदस्यों के अपनी बात कहने के लिए जोर देने पर सभापति ने कहा आप पूरे सदन में व्यवधान उत्पन्न करेंगे। यह ऐसे मुद्दे नहीं हैं कि सदन का कामकाज रोका जाए। सदन में हंगामा देख नायडू ने सदस्यों को आगाह किया कि यह स्थिति जारी रहने पर उन्हें सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ेगी। हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट पर ही बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सभापति ने सदन को सूचित किया कि असंबद्ध सदस्य अमर सिंह ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए उच्च सदन के वर्तमान सत्र से अवकाश का अनुरोध किया है। सदन की सहमति मिलने के बाद उन्होंने सिंह को अवकाश की मंजूरी दे दी।
फारूख अब्दुल्ला को सदन में बुलाया जाए
लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर से नेशनल कांफ्रेंस के सांसद फारूख अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा करने और उन्हें संसद के शीतकालीन सत्र में शामिल होने की इजाजत देने की मांग दूसरे दिन भी की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस, बसपा तथा नेकां सांसदों ने सीटों पर खड़े होकर मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि अब्दुल्ला को रिहा किया जाए। बसपा के दानिश अली ने कहा कि उनको (लोकसभा के सत्र में) बुलाया जाए।