जम्मू धमाका: परिवार की खातिर कमाने गए 17 साल के युवक की मौत, सदमे में डूबा परिवार
जम्मू बस स्टैंड पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले में हरिद्वार के युवक की मौत हो गई, जो अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए वहां कमाने गया था। पुलिस और परिवार के सदस्यों ने कहा कि एक दिन पहले ही वह...
जम्मू बस स्टैंड पर गुरुवार को हुए आतंकी हमले में हरिद्वार के युवक की मौत हो गई, जो अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए वहां कमाने गया था। पुलिस और परिवार के सदस्यों ने कहा कि एक दिन पहले ही वह टेलरिंग का काम सीखने के लिए अपने रिश्तेदारों के पास जम्मू आया था, ताकि वह अपने परिवार को सहारा दे सके। जम्मू के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) ने ट्वीट के माध्यस से बताया कि धमाके में 17 साल के शारिक की मौत हो गई, जो अहतमाल के टोडा कल्याणपुर गांव का रहने वाला था।
हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) नवनीत सिंह ने भी इस बात की तस्दीक की है कि बम धमाके में शारिक की मौत हो गई है। उन्होंने कहा, "हम जम्मू-कश्मीर पुलिस से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस संबंध में और जानकारी जुटाई जा सके।"
इस ग्रेनेड धमाके में करीब 30 लोग घायल हो गए। यह घटना पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन आतंकी हमले के 3 हफ्ते बाद हुई है, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी, जिसका सरगना मसूद अजहर है।
जम्मू बस स्टैंड धमाका आतंकी हमला, हिजबुल मुजाहिदीन के इशारे पर हुआ ब्लास्ट
शारिक के पिता की मृत्यु 2 साल पहले ही बीमारी की वजह से हो गई थी। जम्मू में रहने वाले एक रिश्तेदार से जैसे ही शारिक की मौत की खबर उसके घरवालों को मिली, तभी से उसकी 5 बहनें, एक बड़ा भाई और मां गहरे सदमे में हैं।
शारिक बीते बुधवार (6 मार्च) को ही टेलरिंग (सिलाई-बुनाई) का काम सीखने के लिए रूड़की से जम्मू गया था, ताकि वह अपने परिवार की आर्थिक मदद कर सके। शारिक का परिवार टेलरिंग और जमीन के एक छोटे से टुकड़े में खेती पर निर्भर है।
टोडा गांव के प्रमुख वाजिद मोहम्मद कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में हुई हालिया आतंकी घटनाओं के बावजूद शारिक की मां उसे अपने भाई के पास जम्मू भेजने के लिए राजी हो गई थी, ताकि वह टेलरिंग का काम सीख कर पैसे कमा सके।
वाजिद ने कहा, "परिवार के सभी सदस्य शारिक की मौत की खबर सुनकर सदमे में हैं। शारिक काफी गंभीर व संकोची किस्म का था और टेलरिंग सीखना चाहता था, ताकि परिवार की आर्थिक मदद कर सके। वह अक्सर समुदाय की ओर से आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों में शामिल होता था।"
हिजबुल के इशारे पर हुई घटना, संदिग्ध आतंकी हिरासत में
इस आतंकी हमले में कम-से-कम 32 लोग घायल हुए हैं। बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंकने वाले संदिग्ध आतंकी यासिर भट्ट को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। शुरुआती पूछताछ में उसने बताया कि आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कहने पर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी मनीष कुमार सिन्हा ने यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारी ने बताया, 'घटना की जांच के लिए टीम गठित की गई, सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर हम संदिग्ध को पहचानने में कामयाब हो सके। उसे हिरासत में रखा गया है, उसका नाम यासिर भट्ट है, उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन के जिला कमांडर फारूक अहमद भट्ट उर्फ उमर के कहने पर यासिर ने जम्मू बस स्टैंड पर ग्रेनेड फेंका था।'