'मुझे कसाब की याद आ गई', जयपुर-मुंबई ट्रेन गोलीबारी के चश्मदीद ने सुनाई खूनी कहानी
Jaipur-Mumbai Train Shooting: FIR में कहा गया है कि खराब तबियत के बारे में पहले से बताए जाने के बाद भी मीणा ने सिंह को जल्दी छुट्टी देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते सिंह नाराज हो गया था।
जयपुर-मुंबई ट्रेन में गोलीबारी की घटना के चश्मदीदों के मन से डर अब तक गया नहीं है। चार हत्याओं के कथित तौर पर जिम्मेदार RPF जवान चेतन सिंह की तुलना आतंकवादी अजमल आमिर कसाब तक से की जा रही है। ऐसे ही एक चश्मदीद बताते हैं कि गोलीबारी की आवाज उन्हें 'शॉर्ट सर्किट' लगा और जब जागे तो देखा कि ट्रेन में खून बह चुका है। सोमवार को सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या था मामला
खबर है कि ट्रेन में गोलीबारी की यह घटना सुबह करीब 5.15 बजे हुई। तब ट्रेन वापी से निल चुकी थी और वैतरणा रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली थी। FIR में कहा गया है कि खराब तबियत के बारे में पहले से बताए जाने के बाद भी मीणा ने सिंह को जल्दी छुट्टी देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते सिंह नाराज हो गया था। घटना में एएसआई टीकाराम मीणा, 48 वर्षीय असगर अब्बास शेख, 64 वर्षीय अब्दुल कादिर मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला और 40 वर्षीय सैयद सैफुल्लाह की मौत हो गई थी।
अटेंडेंट ने सुनाई आंखों देखी
एक अखबार से बातचीत में ट्रेन के कोच बी-5 के 41 वर्षीय अटेंडेंट कृष्ण कुमार शुक्ला बताते हैं, 'जब मैंने उसे (चेतन सिंह) को जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सोमवार को देखा, तो उस घटना ने मुझे अजमल कसाब की याद दिला दी।' उन्होंने बताया कि वह बी5 कोच के अटेंडेंट हैं और उन्हें बी5 और बी4 कोच के बीच सोना था, लेकिन तबियत ठीक नहीं होने की वजह से उन्होंने सीट बदली और बी5 और बी6 के बीच सो गए।
शुक्ला ने कहा, 'अचानक सुबह 5 बजे, तेज आवाज से मेरी नींद खुली। शुरुआत में मुझे लगा कि आवाज शॉर्ट सर्किट की होगी, तो मैं जागा और देखने के लिए बी5 चला गया। मैंने देखा कि सिंह हाथ में राइफल लेकर खड़ा है और मीणा जमीन पर खून में लथपथ पड़ा है।' उन्होंने कहा, 'कुछ देर बाद ही सिंह बी4 की तरफ बढ़ा, जिसके बाद गेट पर सो रहा एक यात्री यह कहता हुआ मेरी ओर भागता हुआ आया कि एक RPF जवान ने दूसरे जवान को गोली मार दी है।'
उन्होंने कहा, 'यात्री ने यह भी बताया कि दो जवान लंबे समय से बहस कर रहे थे, जिसके बाद एक ने दूसरे को गोली मार दी।' सिंह को बढ़ता देख शुक्ला और कुछ यात्रियों ने बी6 और बी5 का दरवाजा बंद कर दिया। शुक्ला ने बताया, 'चूंकि मैं बी5 का अटेंडेंट था, तो ध्यान रखने के लिए गेट के पास खड़ा रहा। कुछ देर बाद मैंने देखा कि सिंह मीणा के शव के पास लौट रहा है और वहां करीब 5 मिनटों तक खड़ा रहा।'
उन्होंने बताया कि सिंह बी4 की तरफ बढ़ा, जहां उसने भानपुरवाला और मोइनुद्दीन को पेंट्री कोच और शेख को एस6 में गोली मारी। शुक्ला बताते हैं, 'वह जैसे ही दूसरी बार बी5 से निकला, तो मैंने एक आरपीएफ जवान को सूचित किया, जिसने बाद में एक और आरपीएफ कॉन्स्टेबल अमय आचार्य को बताया।'
उन्होंने कहा, 'सुबह करीब 6 बजे ट्रेन मीरा रोड और दहीसर रेलवे स्टेशन के बीच रुकी, जहां सिंह ट्रेन से उतरा और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।'