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खत्म हो गई कोरोना महामारी? नोवर्टिस के CEO वसंत नरसिम्हन ने दिया यह जवाब

वसंत नरसिम्हन साल 2018 में स्विस फार्मा कंपनी नोवर्टिस के सीईओ बने हैं। तब से लेकर अभी तक अनुसंधान एवं विकास, डेटा साइंस और दवा की वैश्विक पहुंच के लिए कई बदलाव का नेतृत्व किया है।

खत्म हो गई कोरोना महामारी? नोवर्टिस के CEO वसंत नरसिम्हन ने दिया यह जवाब
Ashutosh Rayहिन्दुस्तान टाइम्स,नई दिल्लीFri, 11 Nov 2022 09:39 PM

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दुनियाभार के अधिकतर देशों में कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। कोरोना केसों में गिरावट के बाद आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ने लगी हैं, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि महामारी का अंत हो गया है। कोरोना महामारी को लेकर स्विस फार्मा कंपनी नोवार्टिस के सीईओ वसंत नरसिम्हन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हिन्दुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट के 20वें संस्करण में बात करते हुए नोवर्टिस के सीईओ वसंत नरसिम्हन ने कहा है कि कोरोना जैसी महामारी से सतर्क रहना होगा, लेकिन समाज को आगे बढ़ने दें और सामान्य रूप से काम करने दें। 

महामारी का अंत हो गया के सवाल के जवाब में नरसिम्हन ने कहा कि यह मुश्किल सवाल है। ये वायरस स्थानिकता की ओर बढ़ते हैं और फिर मानव शरीर के अनुकूल हो जाते हैं और मानव का शरीर भी वायरस के अनुकूल हो जाता है... लेकिन ह्यूमन इम्यून सिस्टम में सुधार हो रहा है। हमें इसके चरम पर जाने की घटना के प्रति बेहत सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन समाच को भी आगे बढ़ने देना चाहिए और सामान्य रूप से काम करने देना चाहिए।

कोरोना महामारी के प्रभाव पर नरसिम्हन ने कहा, नई टेक्नोलॉजीज के पास यह अवसर है कि दवा एशियाई लोगों को कैसे प्रभावित करती है। दुनिया mRNA टीकों को लेकर काफी सहज महसूस कर रही है। ऐसी सफलताओं के लिए लंबे समय तक साइंस में निवेश करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, स्वाइन फ्लू और महामारी जैसी घटनाओं में निवेश को लगातार बनाए रखना मुश्किल है। हमारे पास कई कंपनियां हैं जो कोविड-19 के बाद सामने आई है... लेकिन शायद इसके लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।

नरसिम्हन ने आगे कहा कि कोविड टीकों से सबसे बड़ी सीख यह मिली है कि रेगुलेटर्स और इंडस्ट्री कितनी तेजी से काम किए हैं। दवाओं तक पहुंच के बारे में उन्होंने कहा कि जल्दी से निदान करने की क्षमता सबसे अहम है। हम रोगियों के इलाज का निदान बहुत देर से करते हैं, खासकर मीडियम और निम्न आय वाले देशों में। रोगियों का जल्दी निदान करने की क्षमता हासिल करना सबसे अहम है जो हम कर सकते हैं।

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